जिन्दगी
मेरे ख्वाबो की झिलमिल तू मेरे वर्षो का साया हैं
तु प्यासी जमीं मेरी वर्षो से पानी को पाया है
आ भी जा मेरे ख्वाबो की अब इंतहा ना ले जालीम
तुझे नखरो से पाला हैं यहाँ दुखो ने सजाया हैं
तुझे नखरो से ………
दर्द की बात ना कर तुम हमने सांसो को खोया हैं
पता हैं क्या तुम्हे राधे ये कृष्ण कितना क रोया हैं
बिखरे हो मोती माला के तो हम पीरो ही लेते ना
हमने तो मोती से भी महंगी तेरी आँखो को भीगोया हैं
हमने तो मोती ….
एक दिन आ तुझे मेरी किस्मत से मिलाऊंगा
बिठा के पास उसके मैं तुझे ये सब बताऊंगा
कभी जो दूर जाने से यू मसले हल न होते तो
युहीं मैं राधा को अब तक ना कृष्ण से मिलाऊंगा
युहीं मैं राधा…..
तेरी उस प्यारी सी सांसो को अब हमसे से भी मिलवा दे
हे पिंजरे की चिरिया तु तुझे मेरे नाम लिखवा दे
आ भी जा अब मुझको क्या सदियो की सजा देगी
कह दे अब खुदा से तू हमारे रास्ते तो मिलवा दे .
कह दे अब ….