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2 Apr 2018 · 1 min read

जिन्दगी

? ? ? ?
हर रोज नूतन सबक नया इम्तिहान जिन्दगी।
अपने-अपने कर्मों की पहचान जिन्दगी।
यथार्थों का अनुभव कराने वाली एक कड़ी,
ना समझ सका कोई ऐसी दास्तान जिन्दगी।।

? ? ? ? -लक्ष्मी सिंह ? ☺

Language: Hindi
224 Views
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