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17 Sep 2021 · 1 min read

जिंदगी

पल पल जिंदगी मुस्करा रही है.
मेरे खौफ की वजह जान कर.
थोडे सुगबुगाहट फैल जाती है.
भविष्य के उल्लेख करती है..
.
सब कुछ बनाया, पेड पौधे बिन
खेत खलिहान सब चरमराये..
प्रमाण जीवंत जीवन जगमगाये,
स्वाभाविक भूख को शांत कर पाया.
.
जीवन के प्रवाह में हमेशा बहता हूँ.
मन की प्रकृति को जाना अपनाया.
केंद्र पर रहता हूँ,परिधि पर नजर..
इसीलिये सबको अखरता रहा हूँ.

गगनचुम्बी इमारत, नहरें पुल
सुरंग नई धरती पर बनाता हूँ
हीरे जवाहरात और सोना चांदी
यहाँ आभूषण नये बनाता हूँ
.
प्राकृतिक इशारे को समझता.
गृहस्थ आश्रम के फर्ज निभाए,
कुटुम्ब से सेवा सहयोग भाव…
सीख कर समाज तक पहुंचाता हू
.
तोड़ फूल पत्तों को सुन्दर सा
मंदिर मस्जिद को सजाता हूँ
पशु पक्षी चांद सितारे बांटकर
इंसां को रोज बांटता जाता हूँ
.
मैंने तेरे हर करतब से ही सीखा
सांसों में धारण कर जीवित हूँ..
हर धडकन तुझही से कहता हूँ.
हर कर्म तुझको समर्पित जिंदगी

Language: Hindi
4 Likes · 4 Comments · 289 Views
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