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17 Jan 2019 · 1 min read

जिंदगी

आजा कि बेकरार होकर दिल करता है इंतज़ार तेरा
जान ले लेगा सनम जाकर फिर आने का करार तेरा
निगाहें हैं लगी राहों पे कि कब आओगे तुम
बेचैन हैं हम ‘पिया’ कबसे और जिया तलबगार तेरा

दिल तोड़के हँसते हैं वो मेरा ,नहीं चेहरे पे मलाल होता है
दिल टूट गया या नहीं ‘मेरा’ ,मौन लबों पे ये सवाल होता है
चाहकर भी भूलाया जाता नहीं उनका चेहरा दिल से
तंन्हाई में भी तन्हा नहीं रहते हम संग उनका ख्याल होता है

सनम तेरी राहों में हम पलकें बिछाए बैठे हैं
खुली अँखियों में कुछ ख्वाब सजाए बैठे हैं
एक बार तो नज़रें करम करदो हम पर
इसी आस में दिल तुझसे लगाए बैठे हैं

नीलम शर्मा✍️

Language: Hindi
290 Views
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