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19 Mar 2017 · 1 min read

जिंदगी

जिंदगी धूप भी हैं,
जिंदगी छावं भी हैं,
खुशियों का मेला हैं,
कभी विदाई की बेला हैं,

बहुत यहाँ रस्मे हैं,
बहुत यहाँ कसमे हैं,
कोई नहीं यहाँ कम हैं,
सब पर भारी गम हैं,

व्याकुल करती हिचकियां हैं,
अब सुनाई देती सिसकियां हैं,
कभी चलती खुशी की लहर हैं
कभी दुःखो का टूटता कहर हैं,

यही जिंदगी हैं,
यही सादगी हैं,
।।जेपीएल।।।

Language: Hindi
253 Views
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