Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Nov 2019 · 1 min read

जिंदगी सुनले

ऐ जिंदगी सुनले तू मुझसे, तू कितना मुझे सतायेगी ,
तेरी हसरत है मुझे रुलाने की तो सुन हसता हुआ मुझे पायेगी ,
बेशक खारों की डगर मिले, बेशक चट्टाने हो राहो मे
मै फिर भी मुस्काऊंगा तू जितना मुझे
सताएगी
माना की मेरी किस्मत है जो आज मुझी से रूठी है
ये शमशीरें भी मेरी है बेशक ये थोड़ी
टूटी है
आज लताएं सूखी हैं फूल भी है कुम्हलाए से
कल हवा का रुख फिर बदलेगा कल फिर से बहारें आयेंगी
कल फिर आयेंगे सुन्दर पंछी फिर कोयल कूक सुनायेगी
माना कि आज मै विखरा हूंँ अंधेरे रस्तो से गुजरा हूँ
इक दर्द दिया तो क्या गम है पर सच तो ये है आखें तेरी भी नम है
इक नयी सुवह फिर आयेगी, फिर छटेंगे सारे तिमिर यहा से
नव सुबह यहाँ मुस्कायेगी

अरुण कुमार “अरु”

Language: Hindi
2 Comments · 235 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दे ऐसी स्वर हमें मैया
दे ऐसी स्वर हमें मैया
Basant Bhagawan Roy
संसार में मनुष्य ही एक मात्र,
संसार में मनुष्य ही एक मात्र,
नेताम आर सी
रिश्ता ऐसा हो,
रिश्ता ऐसा हो,
लक्ष्मी सिंह
वक्त सा गुजर गया है।
वक्त सा गुजर गया है।
Taj Mohammad
कवियों का अपना गम...
कवियों का अपना गम...
goutam shaw
मुझे चाहिए एक दिल
मुझे चाहिए एक दिल
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
अनसोई कविता...........
अनसोई कविता...........
sushil sarna
किसी की तारीफ़ करनी है तो..
किसी की तारीफ़ करनी है तो..
Brijpal Singh
#जयंती_पर्व
#जयंती_पर्व
*Author प्रणय प्रभात*
सुविचार
सुविचार
Dr MusafiR BaithA
चलते-चलते...
चलते-चलते...
डॉ.सीमा अग्रवाल
बेरोजगारी।
बेरोजगारी।
Anil Mishra Prahari
परिपक्वता
परिपक्वता
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
तेरे शब्दों के हर गूंज से, जीवन ख़ुशबू देता है…
तेरे शब्दों के हर गूंज से, जीवन ख़ुशबू देता है…
Anand Kumar
3144.*पूर्णिका*
3144.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सागर सुखा है अपनी मर्जी से..
सागर सुखा है अपनी मर्जी से..
कवि दीपक बवेजा
थपकियाँ दे मुझे जागती वह रही ।
थपकियाँ दे मुझे जागती वह रही ।
Arvind trivedi
हम संभलते है, भटकते नहीं
हम संभलते है, भटकते नहीं
Ruchi Dubey
ख्वाहिश
ख्वाहिश
Omee Bhargava
Learn self-compassion
Learn self-compassion
पूर्वार्थ
मुझे ना छेड़ अभी गर्दिशे -ज़माने तू
मुझे ना छेड़ अभी गर्दिशे -ज़माने तू
shabina. Naaz
आया बाढ नग पहाड़ पे🌷✍️
आया बाढ नग पहाड़ पे🌷✍️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
"राष्ट्रपति डॉ. के.आर. नारायणन"
Dr. Kishan tandon kranti
राम नाम
राम नाम
पंकज प्रियम
दोस्त और दोस्ती
दोस्त और दोस्ती
Neeraj Agarwal
ज़िंदगी में एक बार रोना भी जरूरी है
ज़िंदगी में एक बार रोना भी जरूरी है
Jitendra Chhonkar
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
ए जिंदगी ,,
ए जिंदगी ,,
श्याम सिंह बिष्ट
💐प्रेम कौतुक-505💐
💐प्रेम कौतुक-505💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
" अकेलापन की तड़प"
Pushpraj Anant
Loading...