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20 Aug 2019 · 1 min read

जिंदगी कैसी रही

मौत मेरे सामने खड़ी
मुस्कुरा के मुझसे
कहने लगी
जिंदगी कैसी रही

यह सुनके मन ठहर गया
मैं गहरी सोच में
पड़ गया
तभी मैं सब समझ गया

जिंदगी मैंने जिया ही नहीं
तुझको मैं कैसे बताऊं
जिंदगी मेरी कैसी रही
तुझको मैं कैसे समझाऊं

यह सुन के मौत
ठहर ग‌ई
वो गहरी सोच में पड़ ग‌ई
तब वो सब समझ गई

जिंदगी मैंने इसे
जीने कब दिया
जीवन में हर पल
मैंने इसे तंग किया

यह कह के
उसके स्वर अटक ग‌ए
वो क‌‌हने लगी लगता है
मैं रास्ता भटक गई

यह सुन के मन
खुशी से उछल पड़ा
मैं फिर से जीवन जीने
चल पड़ा

©️ आनंद कुमार(मनीष)

Language: Hindi
1 Like · 447 Views
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