Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jan 2017 · 1 min read

* जिंदगी अगर शायरी होती *

जिंदगी अगर शायरी होती

ना तुम मुझसे यूं दूर होती

अहसास हरदम रहता यूं

जिंदगी मजबूर ना होती

कहते रात को फलसफे

दिन फिर रात ना होती

अगर वक्त रहते मिलते

हिज्र की रात ना होती

?मधुप बैरागी

Language: Hindi
517 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from भूरचन्द जयपाल
View all
You may also like:
जिसका इन्तजार हो उसका दीदार हो जाए,
जिसका इन्तजार हो उसका दीदार हो जाए,
डी. के. निवातिया
तुम सात जन्मों की बात करते हो,
तुम सात जन्मों की बात करते हो,
लक्ष्मी सिंह
*****श्राद्ध कर्म*****
*****श्राद्ध कर्म*****
Kavita Chouhan
बीते हुए दिनो का भुला न देना
बीते हुए दिनो का भुला न देना
Ram Krishan Rastogi
जिंदगी
जिंदगी
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
घनाक्षरी गीत...
घनाक्षरी गीत...
डॉ.सीमा अग्रवाल
पिंजरे के पंछी को उड़ने दो
पिंजरे के पंछी को उड़ने दो
Dr Nisha nandini Bhartiya
अनुभूति
अनुभूति
Punam Pande
मेरी औकात के बाहर हैं सब
मेरी औकात के बाहर हैं सब
सिद्धार्थ गोरखपुरी
हे री सखी मत डाल अब इतना रंग गुलाल
हे री सखी मत डाल अब इतना रंग गुलाल
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
सत्य और सत्ता
सत्य और सत्ता
विजय कुमार अग्रवाल
जिसका मिज़ाज़ सच में, हर एक से जुदा है,
जिसका मिज़ाज़ सच में, हर एक से जुदा है,
महेश चन्द्र त्रिपाठी
*प्यार का रिश्ता*
*प्यार का रिश्ता*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
प्रार्थना के स्वर
प्रार्थना के स्वर
Suryakant Dwivedi
* शक्ति आराधना *
* शक्ति आराधना *
surenderpal vaidya
स्वाभिमान
स्वाभिमान
Shyam Sundar Subramanian
मुक्तक-
मुक्तक-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
‘1857 के विद्रोह’ की नायिका रानी लक्ष्मीबाई
‘1857 के विद्रोह’ की नायिका रानी लक्ष्मीबाई
कवि रमेशराज
 मैं गोलोक का वासी कृष्ण
 मैं गोलोक का वासी कृष्ण
Pooja Singh
मैं हिंदी में इस लिए बात करता हूं क्योंकि मेरी भाषा ही मेरे
मैं हिंदी में इस लिए बात करता हूं क्योंकि मेरी भाषा ही मेरे
Rj Anand Prajapati
फन कुचलने का हुनर भी सीखिए जनाब...!
फन कुचलने का हुनर भी सीखिए जनाब...!
Ranjeet kumar patre
24/227. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/227. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हे महादेव
हे महादेव
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
*दासता जीता रहा यह, देश निज को पा गया (मुक्तक)*
*दासता जीता रहा यह, देश निज को पा गया (मुक्तक)*
Ravi Prakash
💐प्रेम कौतुक-310💐
💐प्रेम कौतुक-310💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
परमूल्यांकन की न हो
परमूल्यांकन की न हो
Dr fauzia Naseem shad
दरबारी फनकार
दरबारी फनकार
Shekhar Chandra Mitra
ग़ज़ल - ज़िंदगी इक फ़िल्म है -संदीप ठाकुर
ग़ज़ल - ज़िंदगी इक फ़िल्म है -संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
श्रमिक  दिवस
श्रमिक दिवस
Satish Srijan
"किरायेदार"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...