Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Jun 2021 · 1 min read

जाम जोबन के

** जाम जोबन के (ग़ज़ल)**
**** 2122 2212 22 ***
***********************

वक्त रहते प्रिय आ गए होते,
चार फेरे मन भा गए होते।

प्यार हीरा अनमोल है समझो,
मोल तो कुछ हम पा गए होते।

गोद साजन की सेज जो होती,
यार हिय में गर छा गए होते।

सुर्ख़ होठों को चूमते हम ही,
जाम जोबन के ला गए होते।

दौर गर्दिश के ही मिले हमको,
गीत यौवन के गा गए होते।

खा कसम मनसीरत निभाई है,
नैन आँसू झलका गए होते।
***********************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

2 Likes · 249 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
देख लेना चुप न बैठेगा, हार कर भी जीत जाएगा शहर…
देख लेना चुप न बैठेगा, हार कर भी जीत जाएगा शहर…
Anand Kumar
जनतंत्र
जनतंत्र
अखिलेश 'अखिल'
शमा से...!!!
शमा से...!!!
Kanchan Khanna
क्या कहे हम तुमको
क्या कहे हम तुमको
gurudeenverma198
*अमृत-बेला आई है (देशभक्ति गीत)*
*अमृत-बेला आई है (देशभक्ति गीत)*
Ravi Prakash
It is that time in one's life,
It is that time in one's life,
पूर्वार्थ
क्या खूब दिन थे
क्या खूब दिन थे
Pratibha Pandey
परिवर्तन
परिवर्तन
विनोद सिल्ला
💐प्रेम कौतुक-460💐
💐प्रेम कौतुक-460💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कहीं ना कहीं कुछ टूटा है
कहीं ना कहीं कुछ टूटा है
goutam shaw
■आज पता चला■
■आज पता चला■
*Author प्रणय प्रभात*
*जी लो ये पल*
*जी लो ये पल*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
राम आए हैं भाई रे
राम आए हैं भाई रे
Harinarayan Tanha
"ज्ञान रूपी दीपक"
Yogendra Chaturwedi
इज्जत कितनी देनी है जब ये लिबास तय करता है
इज्जत कितनी देनी है जब ये लिबास तय करता है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
"कुछ खास हुआ"
Lohit Tamta
वो मेरे दिल के एहसास अब समझता नहीं है।
वो मेरे दिल के एहसास अब समझता नहीं है।
Faiza Tasleem
दुनिया के हर क्षेत्र में व्यक्ति जब समभाव एवं सहनशीलता से सा
दुनिया के हर क्षेत्र में व्यक्ति जब समभाव एवं सहनशीलता से सा
Raju Gajbhiye
దేవత స్వరూపం గో మాత
దేవత స్వరూపం గో మాత
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
*......हसीन लम्हे....* .....
*......हसीन लम्हे....* .....
Naushaba Suriya
"परम्परा"
Dr. Kishan tandon kranti
पिता का गीत
पिता का गीत
Suryakant Dwivedi
ऊपर से मुस्कान है,अंदर जख्म हजार।
ऊपर से मुस्कान है,अंदर जख्म हजार।
लक्ष्मी सिंह
माया फील गुड की [ व्यंग्य ]
माया फील गुड की [ व्यंग्य ]
कवि रमेशराज
रंगों का त्योहार होली
रंगों का त्योहार होली
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
अरमां (घमण्ड)
अरमां (घमण्ड)
umesh mehra
डिगरी नाहीं देखाएंगे
डिगरी नाहीं देखाएंगे
Shekhar Chandra Mitra
........
........
शेखर सिंह
2569.पूर्णिका
2569.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
सजी सारी अवध नगरी , सभी के मन लुभाए हैं
सजी सारी अवध नगरी , सभी के मन लुभाए हैं
Rita Singh
Loading...