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18 Sep 2017 · 1 min read

जामे-मयखाना ओ बोतल को पड़ा रहने दो

ग़ज़ल
*******
नाम इस दिल पे तुम्हारा ही लिखा रहने दो
प्यार का दीप जला है तो जला रहने दो
???
और जीने की दुआ मेरे लिए मत करना
दे जहर हमको मगर अब ये दवा रहने दो
???
कर के दीदार तेरा मिलता सुकूँ है दिलबर
चाँद चेहरे को जरा यूँ ही खुला रहने दो
???
हो गया हमसे गुनह दिल जो लगाया तुमसे
अब न होगी ये सनम हमसे ख़ता रहने दो
???
रोज़ दहशत में ही जीते हैं मगर बस भी करो
मुल्क़ में चैन की अब आबो-हवा रहने दो
???
आज कुछ ऐसे पिला मुझको नज़र से साक़ी
जामे- मयख़ाना व बोतल को पड़ा रहने दो
???
मैं तो मयक़श हूँ मेरा घर तो है ये मयख़ाना
मेरी जन्नत भी यही मुझको फिदा रहने दो
???
जिन्दगी नेकियों की एक ही दिन की ज़्यादा
अब तो “प्रीतम” को बुराई से जुदा रहने दो
?????????
प्रीतम राठौर भिनगाई
श्रावस्ती (उ०प्र०)
13/09/2017
?????????
2122 1122 1122 22 /112
?????????

244 Views
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