*जाने क्या लगता है*
जाने क्या लगता है
मोहब्बत ये इश्क में धोखा दे गया कोई,,
अब तो दिल टूटा और बुझा सा लगता है,,
छुड़ाकर हाथ दामन से,अपना चला गया कोई,,
अब तो सारा जग सूनासूना सा लगता है,,
हर ख्वाइश,हर ख्वाब टूट गया मेरा,,
अब तो किसी की चाह ये मन नही रखता है,,
उड़ गया रंग,और गहरा गई उदासी मेरे चेहरे पर,,
अब तो दिल का हर कोना अंधयारा सा लगता है,,
हर बात पर मेरे खामियां निकालने लगे वो ,,
अब तो हर शख्स मुझे बेगाना सा लगता है,,
अपनी मौजूदगी का क्या सबूत दे उन्हें,,
अब तो मुझे समझने वाला इंसा सा नही दिखता है,,
दूर से जो मुझे ही बस अपना कहे,
अब तो कोई ऐसा अपना नही दिखता है,,
सोनु जैन मन्दसौर