Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jan 2021 · 1 min read

जाने किस बात से वो

रब जाने किस बात से वो हर रोज बदलते जाते हैं
इसी गम मे डूबे रहते हैं इसी सोंच में टूटे जाते हैं

कासिद से जो शाम-ओ-सहर सलामती लेते थे अपनी
क्यूँ अब वो वो न रहे क्यूँ मिलने से कतराते हैं

ये चाल है मेरे रकीबों की सारी दुनियां को मालूम
वो इतने भोले तो नहीं जो कुछ भी समझ नहीं पाते हैं

अफसोस भरोसे का अपने अपनो ने कत्लेआम किया
न शिकवा ही करते बनता है न आँसू ही बहाये जाते हैं
M.Tiwari”Ayen”

1 Like · 4 Comments · 475 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
महबूबा
महबूबा
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
जाने दिया
जाने दिया
Kunal Prashant
*आदत बदल डालो*
*आदत बदल डालो*
Dushyant Kumar
*कलम (बाल कविता)*
*कलम (बाल कविता)*
Ravi Prakash
"मां बनी मम्मी"
पंकज कुमार कर्ण
23/219. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/219. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तोड़ न कोई राम का, निर्विकल्प हैं राम।
तोड़ न कोई राम का, निर्विकल्प हैं राम।
डॉ.सीमा अग्रवाल
"गौरतलब"
Dr. Kishan tandon kranti
सवर्ण और भगवा गोदी न्यूज चैनलों की तरह ही सवर्ण गोदी साहित्य
सवर्ण और भगवा गोदी न्यूज चैनलों की तरह ही सवर्ण गोदी साहित्य
Dr MusafiR BaithA
बहकी बहकी बातें करना
बहकी बहकी बातें करना
Surinder blackpen
खामोशियां पढ़ने का हुनर हो
खामोशियां पढ़ने का हुनर हो
Amit Pandey
सांता क्लॉज आया गिफ्ट लेकर
सांता क्लॉज आया गिफ्ट लेकर
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
क़रार आये इन आँखों को तिरा दर्शन ज़रूरी है
क़रार आये इन आँखों को तिरा दर्शन ज़रूरी है
Sarfaraz Ahmed Aasee
सिर्फ यह कमी थी मुझमें
सिर्फ यह कमी थी मुझमें
gurudeenverma198
ऐ वतन....
ऐ वतन....
Anis Shah
■ अहमक़ आईने का सस्ता इलाज...
■ अहमक़ आईने का सस्ता इलाज...
*Author प्रणय प्रभात*
అమ్మా దుర్గా
అమ్మా దుర్గా
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
जिस के पास एक सच्चा दोस्त है
जिस के पास एक सच्चा दोस्त है
shabina. Naaz
अन्ना जी के प्रोडक्ट्स की चर्चा,अब हो रही है गली-गली
अन्ना जी के प्रोडक्ट्स की चर्चा,अब हो रही है गली-गली
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
उस सावन के इंतजार में कितने पतझड़ बीत गए
उस सावन के इंतजार में कितने पतझड़ बीत गए
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
दीप जलाकर अंतर्मन का, दीपावली मनाओ तुम।
दीप जलाकर अंतर्मन का, दीपावली मनाओ तुम।
आर.एस. 'प्रीतम'
धर्म और सिध्दांत
धर्म और सिध्दांत
Santosh Shrivastava
प्रदर्शन
प्रदर्शन
Sanjay ' शून्य'
कुछ लड़कों का दिल, सच में टूट जाता हैं!
कुछ लड़कों का दिल, सच में टूट जाता हैं!
The_dk_poetry
The Sound of Silence
The Sound of Silence
पूर्वार्थ
प्रभु शुभ कीजिए परिवेश
प्रभु शुभ कीजिए परिवेश
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
"प्यासा"मत घबराइए ,
Vijay kumar Pandey
दिव्य-भव्य-नव्य अयोध्या
दिव्य-भव्य-नव्य अयोध्या
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
हर्षित आभा रंगों में समेट कर, फ़ाल्गुन लो फिर आया है,
हर्षित आभा रंगों में समेट कर, फ़ाल्गुन लो फिर आया है,
Manisha Manjari
हर बात हर शै
हर बात हर शै
हिमांशु Kulshrestha
Loading...