Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Oct 2016 · 1 min read

ज़ंग

आशा और निराशा के बीच
झूलते-डूबते – उतराते
घोर निराशा के क्षण में भी
अविरल भाव से लक्ष्य प्राप्ति हेतु आशावान बने रहना
बहुत मुश्किल पर नामुमकिन नहीं
होता है इसका अहसास
सफलता की सीढी-दर-सीढी
चढने के उपरांत
चिर प्रतिक्षा चिर संघर्ष के बाद
मिलने वाली हर खुशी
बेज़ोड और अनमोल है
क्योंकि इसकी सुखद अनुभूति
वही महसूस कर सकता है
जिसने हर हाल में रहकर
अपना संघर्ष जारी रखकर
कोशिश की सबको साथ लेकर
निरंतर बने रहने की
कभी भाग्य के भरोसे नहीं बैठे
लगे रहे कर्म अपना मानकर
और सफलता के मुकाम पर पहुँचे
संगर्व-सम्मान…..
तभी तो कहा जाता है
आदमी अपने भाग्य से नहीं
अपने कर्मों से महान होता है
छोटी-छोटी लडाइयाँ जीतने के बाद ही
कोई बडी जंग जीतता है !
—————————

Language: Hindi
2 Likes · 383 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बचपन और गांव
बचपन और गांव
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
अंगुलिया
अंगुलिया
Sandeep Pande
कभी रहे पूजा योग्य जो,
कभी रहे पूजा योग्य जो,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
*लस्सी में जो है मजा, लस्सी में जो बात (कुंडलिया)*
*लस्सी में जो है मजा, लस्सी में जो बात (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
Outsmart Anxiety
Outsmart Anxiety
पूर्वार्थ
अगे माई गे माई ( मगही कविता )
अगे माई गे माई ( मगही कविता )
Ranjeet Kumar
#justareminderdrarunkumarshastri
#justareminderdrarunkumarshastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
पंचवर्षीय योजनाएँ
पंचवर्षीय योजनाएँ
Dr. Kishan tandon kranti
* नहीं पिघलते *
* नहीं पिघलते *
surenderpal vaidya
इतनें रंगो के लोग हो गये के
इतनें रंगो के लोग हो गये के
Sonu sugandh
वो गुलमोहर जो कभी, ख्वाहिशों में गिरा करती थी।
वो गुलमोहर जो कभी, ख्वाहिशों में गिरा करती थी।
Manisha Manjari
आबाद सर ज़मीं ये, आबाद ही रहेगी ।
आबाद सर ज़मीं ये, आबाद ही रहेगी ।
Neelam Sharma
****भाई दूज****
****भाई दूज****
Kavita Chouhan
मैं तो महज एहसास हूँ
मैं तो महज एहसास हूँ
VINOD CHAUHAN
बाल कविता: बंदर मामा चले सिनेमा
बाल कविता: बंदर मामा चले सिनेमा
Rajesh Kumar Arjun
होली गीत
होली गीत
umesh mehra
कोई मोहताज
कोई मोहताज
Dr fauzia Naseem shad
मेहनत
मेहनत
Dr. Pradeep Kumar Sharma
पागल मन कहां सुख पाय ?
पागल मन कहां सुख पाय ?
goutam shaw
मेरे प्यारे भैया
मेरे प्यारे भैया
Samar babu
किस क़दर गहरा रिश्ता रहा
किस क़दर गहरा रिश्ता रहा
हिमांशु Kulshrestha
अब उठो पार्थ हुंकार करो,
अब उठो पार्थ हुंकार करो,
अनूप अम्बर
!!दर्पण!!
!!दर्पण!!
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
Misconceptions are both negative and positive. It is just ne
Misconceptions are both negative and positive. It is just ne
सिद्धार्थ गोरखपुरी
*तू ही  पूजा  तू ही खुदा*
*तू ही पूजा तू ही खुदा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
■ अपनी-अपनी मौज।
■ अपनी-अपनी मौज।
*Author प्रणय प्रभात*
पृथ्वी की दरारें
पृथ्वी की दरारें
Santosh Shrivastava
पहाड़ी नदी सी
पहाड़ी नदी सी
Dr.Priya Soni Khare
भगतसिंह के ख़्वाब
भगतसिंह के ख़्वाब
Shekhar Chandra Mitra
अबीर ओ गुलाल में अब प्रेम की वो मस्ती नहीं मिलती,
अबीर ओ गुलाल में अब प्रेम की वो मस्ती नहीं मिलती,
Er. Sanjay Shrivastava
Loading...