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10 Jul 2020 · 1 min read

जहनियत

जो बात कभी कही ही नही हमने
वो सच का शोर करती आ गयी जमाने मे

बेवजह सुर्खियों मे आये है हम
बात झूठी सी लिखी है इस फसाने में

जिल्लतें अब भी चिपकी बैठी है
वक़्त लगाया भी है हमने बहुत नहाने मे

तुमको क्या मिला ये करके, ये तुम जानो
डालकर हमको इस अफ़साने में

सच तो बाहर निकल के आएगा, कि अब तुम सीखो
काम आएंगे जो नुस्ख़े मुँह छुपाने मे।

ये क्या सनक है कि कुछ भी कर बैठो
फिर खुद को साबित करो आकर किसी बहाने में।

वक़्ती मजबूरियों का नाम इसे मत देना
अरसा लगता है जहनियत बनाने में।

3 Likes · 2 Comments · 230 Views
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