Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Aug 2016 · 1 min read

जश्ने आजादी

जश्ने आजादी

ये कैसा जश्ने आजादी है,
एक दिन की देशभक्ति है
एक दिन का दिखावा है
सन्देशों की तो बाढ है
ड्राई डे होने का अफसोस है
महानगर वासी निकल पड़े है
दो दिन छुट्टी उनके पास है
मल्टीनेशनल कंपनी वाले
एक छुट्टी मरने से उदास है,
दिनभर पतंगबाजी करके,
शाम को पार्टी का इन्तजाम है
काल्पनिक दुनिया में देशभक्त है
वास्तव में सब बकवास है,
मेरे देशवासी कहते हैं
देश में भ्रष्टाचार है
गरीबी है तंगहाली है,
सड़कों की बदहाली है,
गंदगी हर ओर फैली है,
इसका कौन जिम्मेदार है
करों की चोरी तुम करते हो,
टेबल के नीचे से जेब भरते हो
फिर बड़ी बड़ी बातें करते हो
विदेशों से कैसे तुलना करते हो,
विदेश जाकर तुम नियमों का पालन करते हो,
देश में खुलकर नियमों की अनदेखी करते हो,
खादी पहनना देशभक्ति की पहचान नही है
गांधी टोपी भी देशभक्ति की पहचान नही है
पार्टी भक्ति भी देशभक्ति की पहचान नही है
राष्ट्रीय पर्वों पर जो एहसास होता है
जो जज्बा आभासी दुनिया में दिखता है
उतरे वास्तविकता के धरातल पर
तब कुछ बात बने
जश्ने आजादी सम्पूर्ण बने ।

” सन्दीप कुमार “

Language: Hindi
352 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
* भावना में *
* भावना में *
surenderpal vaidya
राधा अब्बो से हां कर दअ...
राधा अब्बो से हां कर दअ...
Shekhar Chandra Mitra
*** भाग्यविधाता ***
*** भाग्यविधाता ***
Chunnu Lal Gupta
मंजिलें
मंजिलें
Mukesh Kumar Sonkar
"आज का विचार"
Radhakishan R. Mundhra
आंखों की नशीली बोलियां
आंखों की नशीली बोलियां
Surinder blackpen
"लाल गुलाब"
Dr. Kishan tandon kranti
मसरूफियत बढ़ गई है
मसरूफियत बढ़ गई है
Harminder Kaur
जिनके जानें से जाती थी जान भी मैंने उनका जाना भी देखा है अब
जिनके जानें से जाती थी जान भी मैंने उनका जाना भी देखा है अब
Vishvendra arya
" एक बार फिर से तूं आजा "
Aarti sirsat
गये ज़माने की यादें
गये ज़माने की यादें
Shaily
मिष्ठी के लिए सलाद
मिष्ठी के लिए सलाद
Manu Vashistha
श्रेष्ठों को ना
श्रेष्ठों को ना
DrLakshman Jha Parimal
प्राण vs प्रण
प्राण vs प्रण
Rj Anand Prajapati
तुममें और मुझमें बस एक समानता है,
तुममें और मुझमें बस एक समानता है,
सिद्धार्थ गोरखपुरी
💐प्रेम कौतुक-211💐
💐प्रेम कौतुक-211💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
होली पर बरसात हो , बरसें ऐसे रंग (कुंडलिया)*
होली पर बरसात हो , बरसें ऐसे रंग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
सच्चाई के रास्ते को अपनाओ,
सच्चाई के रास्ते को अपनाओ,
Buddha Prakash
प्रेरणा
प्रेरणा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
आप जब खुद को
आप जब खुद को
Dr fauzia Naseem shad
आ जाये मधुमास प्रिय
आ जाये मधुमास प्रिय
Satish Srijan
कानून लचर हो जहाँ,
कानून लचर हो जहाँ,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
एक सपना देखा था
एक सपना देखा था
Vansh Agarwal
मन वैरागी हो गया
मन वैरागी हो गया
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
दिखा तू अपना जलवा
दिखा तू अपना जलवा
gurudeenverma198
आँख से अपनी अगर शर्म-ओ-हया पूछेगा
आँख से अपनी अगर शर्म-ओ-हया पूछेगा
Fuzail Sardhanvi
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Prakash Chandra
बात ! कुछ ऐसी हुई
बात ! कुछ ऐसी हुई
अशोक शर्मा 'कटेठिया'
■ आज का दोहा...
■ आज का दोहा...
*Author प्रणय प्रभात*
हिन्दी दिवस
हिन्दी दिवस
मनोज कर्ण
Loading...