आज़ादी का त्योहार
सुना है 370 हटा ली है
देश की सजधज अब निराली है
पत्थरबाज अब बर्बाद हुए हैं
हकीकत में कश्मीरी
अब आज़ाद हुए हैं
हमें कोई डर नहीं है
मनाओ, जैसे शादी का जश्न
यह है, उससे भी बड़ा
यानी आज़ादी का जश्न
अब बस, इतना करना है
अहले हिन्द के बीच
अगर खाई है कहीं
पहले उसको भरना है
मुल्क से है गर मुहब्बत
तो इजहार भी होना चाहिए
जश्ने आज़ादी, हर घर का
त्योहार होना चाहिए
© अरशद रसूल