जवानी के सही मायने (ग़ज़ल)
बहुत गलत समझ बैठे हो तुम जवानी को ,
ओ नौजवानों ! ज़रा समझो अपनी नादानी को .
जवानी दीवानी होती है चलो हमने माना ,
तो वतन के नाम करो इस जवानी दीवानी को .
जोश -ऐ जवानी का गुरुर कर अपने ईमान से जाना,
यह नशाखोरी /हवस बर्बाद करे तुम्हारी जिंदगानी को.
तुममें है बहुत जोश, ताकत ,हिम्मत और तेज़ दिमाग ,
तो अपने अच्छे कामों से चमका दो देश की पेशानी को.
यह हुडदंगबाज़ी,आगजनी , हिंसा जैसे गुनाह किसलिए ?
अमन और भाई चारे से भी हल किया जा सकता परेशानी को .
सिर्फ ऊँची तालीम नहीं ,इंसा को चाहिए कुछ तहजीब भी,
इज्ज़त दो औरतों /बुजुर्गों को ,तैनात रहो इनकी निगेहबानी को.
मेहनतकश ,ज़िम्मेदार, नेक और खुद्दार बनो नौजवानों !
सादगी और शराफत से संवारों अपनी जिंदगानी को.
तुम हो वतन की तकदीर ,इसका मुस्तकबिल तुमसे है,
तुम हो इसके रचयिता, बदल दो इसकी कहानी को.