जल
विषय-जल/नीर
विधा-छन्दमुक्त कविता
जल से ही दुनिया का निर्माण हुआ,
जल से मानव जीवन का उद्धार हुआ।
बिन जल धरती सुखी बंजर हो जाए,
मिट्टी सुख-सुखकर पत्थर हो जाए।
जल से ही हर जीव-जंतु का जीवन है,
जल से ही हरा- भरा हमारा उपवन है।
खाना बनाना ,नहाना, कपड़े धुलना ,
घर की साफ-सफाई , बर्तन धुलना।
पानी कम से कम खर्च किया करें,
पर पानी खूब जमकर पीया करें।
अब भूमिगत जल को बचाना होगा,
उसके लिए पेड़-पौधे लगाना होगा।
नूरफातिमा खातून नूरी
जिला-कुशीनगर