***जलो न इस तरह हमसे***
जलो न इस तरह हमसे,तुम्हारा कुछ भी न लेगें।
ज्ञान जो पास हमारे है,मिल बांट ही लेंगे।
रहोगे तुम न रहेंगे हम, बहुत ही कम है यह जीवन।
कह लेना कुछ तुम अपनी,कुछ तो हम भी कह लेंगे।।
माना महफिल तुम्हारी है, हमें भी लगती प्यारी है।
करेंगे यत्न हम ऐसा, इसे शोहरत दिला देंगे।।
हमने अपने जीवन में,कुछ दस्तूर बनाएं है।
रहेंगे पास सभी के हम,दूरियां सबसे मिटा लेंगे।।
अनुनय खुशियों से जीना,हमने बचपन से सीखा।
न छोड़ो साथ हमारा तुम,गुर तुमको सिखला देंगे।।
राजेश व्यास अनुनय