Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Sep 2021 · 1 min read

*जय हिंदी* ⭐⭐⭐

(हिंदी दिवस पर विशेष)
जय हिंदी
⭐⭐⭐

°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°

जो भी करे, निज मात-पिता से प्यार;
वह हिंदी पर , कभी भी ना करे प्रहार;
हिंदी ही सदा , राष्ट्र में एकता लाएगी;
हमारी हर संस्कृति को, यही बचाएगी।
जो जनता न अपनाये हिंदी भाषा को;
झलकाये मन, उसकी गंदी आशा को;
यही तो अब , भाषाई अभिभावक है;
जैसे धरम-करम हेतु , कोई पावक है।
तरनी गंगा हो, या हो सरिता कालिंदी;
हर पावनी धारा में बसे सदा ही, हिंदी;
अपगा कावेरी से, लहरी सतलज तक;
हिंदी ही दिखे अब , हर पग-पग तक।
गिरि नीलगिरी से अचल हिमालय तक,
अपनी हिंदी ही बसे , हर आलय तक;
यह है , जन- जन की अपनी ही भाषा;
राष्ट्रभाषा हेतु नियम का मोहताज नहीं;
अखंड भारत का भी था , सरताज यही;
देश क्या, विदेशों की भी ये भाषा होगी;
भले देशद्रोहियों को,इससे निराशा होगी;
जो यह हिंदी ना होगी, जन-गण-मन में;
दिखेगा हिंदुस्तान कहां,किसी अंतर्मन में;
हर घर बसेगा तब,तालिबान यहां क्षण में;
इसने ही बचा रखा है, इस पूरे भारत को;
आगे भी यही, देश और संसार बचायेगा;
वो देशी नर नहीं,जो ‘जय हिंदी’ न गाएगा।

“जय हिंद”………………………”जय हिंदी”

*******************************
स्वरचित सह मौलिक:-
……..✍️ पंकज ‘कर्ण’
…………….कटिहार।।

Language: Hindi
7 Likes · 3 Comments · 1056 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from पंकज कुमार कर्ण
View all
You may also like:
पत्तों से जाकर कोई पूंछे दर्द बिछड़ने का।
पत्तों से जाकर कोई पूंछे दर्द बिछड़ने का।
Taj Mohammad
*मॉंगता सबसे क्षमा, रिपु-वृत्ति का अवसान हो (मुक्तक)*
*मॉंगता सबसे क्षमा, रिपु-वृत्ति का अवसान हो (मुक्तक)*
Ravi Prakash
है नसीब अपना अपना-अपना
है नसीब अपना अपना-अपना
VINOD CHAUHAN
नये साल में
नये साल में
Mahetaru madhukar
गुलाब दिवस ( रोज डे )🌹
गुलाब दिवस ( रोज डे )🌹
Surya Barman
मन में रख विश्वास,
मन में रख विश्वास,
Anant Yadav
आजकल गरीबखाने की आदतें अमीर हो गईं हैं
आजकल गरीबखाने की आदतें अमीर हो गईं हैं
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
चाय का निमंत्रण
चाय का निमंत्रण
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
दोहे - झटपट
दोहे - झटपट
Mahender Singh
■ एक लफ़्ज़ : एक शेर...
■ एक लफ़्ज़ : एक शेर...
*Author प्रणय प्रभात*
🙏माॅं सिद्धिदात्री🙏
🙏माॅं सिद्धिदात्री🙏
पंकज कुमार कर्ण
* गीत मनभावन सुनाकर *
* गीत मनभावन सुनाकर *
surenderpal vaidya
वफा माँगी थी
वफा माँगी थी
Swami Ganganiya
बदलती जिंदगी की राहें
बदलती जिंदगी की राहें
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
दोहा-
दोहा-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
की तरह
की तरह
Neelam Sharma
THE GREY GODDESS!
THE GREY GODDESS!
Dhriti Mishra
ग़ज़ल/नज़्म - आज़ मेरे हाथों और पैरों में ये कम्पन सा क्यूँ है
ग़ज़ल/नज़्म - आज़ मेरे हाथों और पैरों में ये कम्पन सा क्यूँ है
अनिल कुमार
होती नहीं अराधना, सोए सोए यार।
होती नहीं अराधना, सोए सोए यार।
Manoj Mahato
#justareminderdrarunkumarshastri
#justareminderdrarunkumarshastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अब प्यार का मौसम न रहा
अब प्यार का मौसम न रहा
Shekhar Chandra Mitra
जब किसी व्यक्ति और महिला के अंदर वासना का भूकम्प आता है तो उ
जब किसी व्यक्ति और महिला के अंदर वासना का भूकम्प आता है तो उ
Rj Anand Prajapati
बाबा मैं हर पल तुम्हारे अस्तित्व को महसूस करती हुं
बाबा मैं हर पल तुम्हारे अस्तित्व को महसूस करती हुं
Ankita Patel
मनोहन
मनोहन
Seema gupta,Alwar
🌱कर्तव्य बोध🌱
🌱कर्तव्य बोध🌱
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
तुम से सुबह, तुम से शाम,
तुम से सुबह, तुम से शाम,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
राम सिया की होली देख, अवध में हनुमंत लगे हर्षांने।
राम सिया की होली देख, अवध में हनुमंत लगे हर्षांने।
राकेश चौरसिया
Lonely is just a word which can't make you so,
Lonely is just a word which can't make you so,
Sukoon
हे नाथ कहो
हे नाथ कहो
Dr.Pratibha Prakash
The thing which is there is not wanted
The thing which is there is not wanted
कवि दीपक बवेजा
Loading...