Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 May 2017 · 1 min read

जमाने की पोल… हरियाणवी रागनी

ढ़के हैं तो ढ़के रहण दे, तू ढ़के रहण दे ढ़ोल
ना खुलवावे तू ना खुलवावे, र जमाने की पोल

बात चाल पड़ी तो र मैं बात सारी बोलूँगा
बेशक बुरी लागियो, मैं राज सारे खोलूँगा
कहदी जो कहदी ना फेर पाछे डोलूँगा
झूठ नहीं बोलूंगा, च थाम आपे ला लियो तोल
ढ़के हैं तो ढ़के रहण दे, तू ढ़के रहण दे ढ़ोल
ना खुलवावे तू ना खुलवावे, र जमाने की पोल

माटी में माटी होके कमाण आले खुबाती सोगे
पैसा की मारा मारी में, गरीब के हिमाती खोगे
काल गाम के लंगवाड़े थे, वे आज पंचाती होगे
सुक के न पाती होगे, नशे पते का लागज्या झोल
ढ़के हैं तो ढ़के रहण दे, तू ढ़के रहण दे ढ़ोल
ना खुलवावे तू ना खुलवावे, र जमाने की पोल

बेटी की करनी त बाबु अपना मुँह लको रे र
उल्टे सीधे गोत भिड़ा खुद गाम में बटेऊ हो रे र
पुरख़ाँ की इज़्ज़त में देखो ये कांडे बो रे र
नाश करण ने हो रे र, मैंने सारे पत्ते दिए खोल
ढ़के हैं तो ढ़के रहण दे, तू ढ़के रहण दे ढ़ोल
ना खुलवावे तू ना खुलवावे, र जमाने की पोल

बड़े अजीब हो रहे हैं आज दुनियां के म्हा चाले
जितने जिनके धोले कॉलर, वे उतने दिल के काले
भाई गेल्या जुत बजा के, गल के लाये साले
गाम भगोतीपुर आले, ना रहया साच्चै का मोल
ढ़के हैं तो ढ़के रहण दे, तू ढ़के रहण दे ढ़ोल
ना खुलवावे तू ना खुलवावे, र जमाने की पोल

Language: Hindi
1 Comment · 552 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आज कल रिश्ते भी प्राइवेट जॉब जैसे हो गये है अच्छा ऑफर मिलते
आज कल रिश्ते भी प्राइवेट जॉब जैसे हो गये है अच्छा ऑफर मिलते
Rituraj shivem verma
माना मैं उसके घर नहीं जाता,
माना मैं उसके घर नहीं जाता,
डी. के. निवातिया
चलता ही रहा
चलता ही रहा
हिमांशु Kulshrestha
हाथों की लकीरों को हम किस्मत मानते हैं।
हाथों की लकीरों को हम किस्मत मानते हैं।
Neeraj Agarwal
जो कुछ भी है आज है,
जो कुछ भी है आज है,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
सुविचार
सुविचार
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
💐प्रेम कौतुक-309💐
💐प्रेम कौतुक-309💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
लब हिलते ही जान जाते थे, जो हाल-ए-दिल,
लब हिलते ही जान जाते थे, जो हाल-ए-दिल,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
काम पर जाती हुई स्त्रियाँ..
काम पर जाती हुई स्त्रियाँ..
Shweta Soni
सब कुछ हो जब पाने को,
सब कुछ हो जब पाने को,
manjula chauhan
राम नाम की धूम
राम नाम की धूम
surenderpal vaidya
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ले चल मुझे उस पार
ले चल मुझे उस पार
Satish Srijan
फिर से आंखों ने
फिर से आंखों ने
Dr fauzia Naseem shad
अमर क्रन्तिकारी भगत सिंह
अमर क्रन्तिकारी भगत सिंह
कवि रमेशराज
हिंदी दिवस
हिंदी दिवस
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
🙏😊🙏
🙏😊🙏
Neelam Sharma
सुबह की चाय है इश्क,
सुबह की चाय है इश्क,
Aniruddh Pandey
चंद्रयान ३
चंद्रयान ३
प्रदीप कुमार गुप्ता
माँ काली
माँ काली
Sidhartha Mishra
बहुत कुछ बोल सकता हु,
बहुत कुछ बोल सकता हु,
Awneesh kumar
मित्र बनाने से पहले आप भली भाँति जाँच और परख लें ! आपके विचा
मित्र बनाने से पहले आप भली भाँति जाँच और परख लें ! आपके विचा
DrLakshman Jha Parimal
दोहा
दोहा
sushil sarna
मातु शारदे वंदना
मातु शारदे वंदना
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
गर्व की बात
गर्व की बात
Er. Sanjay Shrivastava
शायरी
शायरी
goutam shaw
दुख के दो अर्थ हो सकते हैं
दुख के दो अर्थ हो सकते हैं
Harminder Kaur
वो हमसे पराये हो गये
वो हमसे पराये हो गये
Dr. Man Mohan Krishna
"चाणक्य"
*Author प्रणय प्रभात*
चलो...
चलो...
Srishty Bansal
Loading...