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12 Aug 2018 · 1 min read

जब होठों पर आता जयहिंद

मन हो जाता यारो काशी मथुरा कभी गंगा है।
जब होठों पर आता जयहिंद हाथों में तिरंगा है।।

ये गौरव गाथा भारत की कहता लहरा-लहरा के।
वीरता शांति खुशहाली तीनों रंग लिए फहरा के।।

सजता है चक्र अशोक कहता गतिशीलता की बातें।
तिरंगे से आज़ादी के दिन हैं और हसीं हैं रातें।।

वीरों की धरती भारत देवी-देवों का वास यहाँ।
अनेकता में एकता का देख अखंड इतिहास यहाँ।।

न्यारी प्यारी कितनी सारी भाषाओं का मेला है।
छह ऋतुओं का आना-जाना हर मौसम अलबेला है।।

शिक्षित बनो संगठित रहो संघर्ष करो का नारा था।
संविधान रचा बाबा साहब भारत का दुलारा था।।

गाँधी सुभाष नेहरू पटेल नेता बड़े थे भारत के।
शेखर भगत सुखदेव खुदी शहीद बड़े थे भारत के।।

अपने प्राणों को देकर दी ये हमको आज़ादी है।
हरदिन नमन करें वीरों को एकदिन के क्यों आदी हैं।।

भारत-भारत जय-जय भारत सब कहो शान से यारो।
एक-दूजे से प्रेम करो तुम धर्म की मौत न मारो।।

संदेश है एक गीता गुरु-ग्रंथ बाइबिल कुरान का।
जीत बुराई पर अच्छाई की झगड़ा सब गुमान का।।

–आर.एस.प्रीतम
सर्वाधिकार सुरक्षित–radheys581@gmail.com

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 373 Views
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