Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Mar 2017 · 1 min read

जब से फागुन आया है।

जब से फागुन आया है

कौन कौन बौराया है।
जबसे यह फागुन आया है।
नारी और वारि के सह में,
सवको मद चढ आया है।
जब से फागुन आया है।
करता गुंजन अलि डोले।
कोयल कुहू कुहू बोले।
तितली अपना रंग टटोले।
अमुआ भी बौराया है।
जबसे फागुन आया है।
टेसू देखो कितना निखरा।
रंग केसरी पसरा पसरा।
रंग भंग का दिखता बिखरा।
पप्पू अभिषेक बौराया है
जब से फागुन आया है।
नारी बनती नवी नवेली।
झौपड हो फिर चाहे हवेली।
सबने मौज से होली खेली।
रसिया डूबी माया है।
जबसे फागुन आया है।
उड़दंगी बच्चो की टोली।
सबसे करती फिरे ठिठोली।
बुरा न मानो आई होली।
अनजाना भी सताया है।
जबसे फागुन आया है।

**** मधु गौतम

Language: Hindi
Tag: गीत
552 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
त्याग
त्याग
डॉ. श्री रमण 'श्रीपद्'
प्रथम पूज्य श्रीगणेश
प्रथम पूज्य श्रीगणेश
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
HAPPY CHILDREN'S DAY!!
HAPPY CHILDREN'S DAY!!
Srishty Bansal
कभी-कभी वक़्त की करवट आपको अचंभित कर जाती है.......चाहे उस क
कभी-कभी वक़्त की करवट आपको अचंभित कर जाती है.......चाहे उस क
Seema Verma
Job can change your vegetables.
Job can change your vegetables.
सिद्धार्थ गोरखपुरी
कुछ मन्नतें पूरी होने तक वफ़ादार रहना ऐ ज़िन्दगी.
कुछ मन्नतें पूरी होने तक वफ़ादार रहना ऐ ज़िन्दगी.
पूर्वार्थ
तन तो केवल एक है,
तन तो केवल एक है,
sushil sarna
*चारों और मतलबी लोग है*
*चारों और मतलबी लोग है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
2270.
2270.
Dr.Khedu Bharti
मसला ये हैं कि ज़िंदगी उलझनों से घिरी हैं।
मसला ये हैं कि ज़िंदगी उलझनों से घिरी हैं।
ओसमणी साहू 'ओश'
भैतिक सुखों का आनन्द लीजिए,
भैतिक सुखों का आनन्द लीजिए,
Satish Srijan
नींव में इस अस्तित्व के, सैकड़ों घावों के दर्द समाये हैं, आँखों में चमक भी आयी, जब जी भर कर अश्रु बहाये हैं।
नींव में इस अस्तित्व के, सैकड़ों घावों के दर्द समाये हैं, आँखों में चमक भी आयी, जब जी भर कर अश्रु बहाये हैं।
Manisha Manjari
यूँही कुछ मसीहा लोग बेवजह उलझ जाते है
यूँही कुछ मसीहा लोग बेवजह उलझ जाते है
'अशांत' शेखर
मंगलमय हो आपका विजय दशमी शुभ पर्व ,
मंगलमय हो आपका विजय दशमी शुभ पर्व ,
Neelam Sharma
"लाल गुलाब"
Dr. Kishan tandon kranti
क्यों पड़ी है गांठ, आओ खोल दें।
क्यों पड़ी है गांठ, आओ खोल दें।
surenderpal vaidya
मैं जब करीब रहता हूँ किसी के,
मैं जब करीब रहता हूँ किसी के,
Dr. Man Mohan Krishna
इस नदी की जवानी गिरवी है
इस नदी की जवानी गिरवी है
Sandeep Thakur
सकारात्मक सोच अंधेरे में चमकते हुए जुगनू के समान है।
सकारात्मक सोच अंधेरे में चमकते हुए जुगनू के समान है।
Rj Anand Prajapati
*माँ*
*माँ*
Naushaba Suriya
शिकारी संस्कृति के
शिकारी संस्कृति के
Sanjay ' शून्य'
सुबह की चाय हम सभी पीते हैं
सुबह की चाय हम सभी पीते हैं
Neeraj Agarwal
#शेर
#शेर
*Author प्रणय प्रभात*
आव्हान
आव्हान
Shyam Sundar Subramanian
Armano me sajaya rakha jisse,
Armano me sajaya rakha jisse,
Sakshi Tripathi
रमेशराज के शृंगाररस के दोहे
रमेशराज के शृंगाररस के दोहे
कवि रमेशराज
आख़री तकिया कलाम
आख़री तकिया कलाम
Rohit yadav
*चार दिन की जिंदगी में ,कौन-सा दिन चल रहा ? (गीत)*
*चार दिन की जिंदगी में ,कौन-सा दिन चल रहा ? (गीत)*
Ravi Prakash
Loading...