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6 Apr 2019 · 1 min read

जब तुम मिलोगी

जब तुम मिलोगी
जाने कैसे मिलोगी
जितनी शिद्दत से करता आया हूँ
क्या तुम भी मेरा उतना ही
इंतज़ार करती रही होगी
बेचैन हो कर करवटे बदल रही होगी
जज्बातों का ढेर सारा पुलिन्दा है भीतर मेरे
क्या तुम भी मेरे सामने
अपना राज खोलोगी
मेरी धड़कने तो अब से धड़क रही है
क्या तुम मेरे नाम से
धड़कने लगोगी
क्या मुझे भी तुम
अपने भीतर जीने लगोगी -अभिषेक राजहंस

Language: Hindi
559 Views
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