Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Jun 2016 · 1 min read

जब तुम नहीं हो (अतुकांत )

“जब तुम नहीं हो”
? ? ? ?
कल तुम अपनी राह पर जाओगे
साथ गुजारा वक्त याद आएगा
जब किया प्रेम एक दूसरे से
एक दूसरे की परवाह की
आशा दिखाई
उज्जवल भविष्य की
तुम्हारे प्यार को सहेजा संवारा…
क्या तुम्हारा प्रेम सच्चा था?
या था मेरा बस एक मधुर स्वप्न …
बहुत समय हुआ….
हमें बातें किए
कितना वक्त हुआ….
साथ -साथ टहले
हाथ थामकर
कुछ तुम्हारी
कुछ मेरी बातें
हमें जोङती
अतरंगी बातें
नहीं जान पाता दिल…..
तुमने मुझे याद किया
नहीं किया
लेकिन मैंने तुमको
हर पल याद रखा
सोते जागते
दुख में सुख में
राते बीतती गईं
दिन गुजरते गए
किसी के इंतजार में….
जिंदगी वही की वहीं है..
पहले की तरह एक’खेल’
नहीं हो तो बस ‘तुम’
कितना पागल है मन…
आज भी कर रहा इंतज़ार
शायद आओगे
दुनिया भर के गम समेटे
पलकें बिछाए
बैठी हूँ मैं
कितनी पागल हूं मैं ……….॥”
अंकिता

Language: Hindi
2 Likes · 3 Comments · 288 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सम्मान में किसी के झुकना अपमान नही होता
सम्मान में किसी के झुकना अपमान नही होता
Kumar lalit
3119.*पूर्णिका*
3119.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चलो आज कुछ बात करते है
चलो आज कुछ बात करते है
Rituraj shivem verma
তোমার চরণে ঠাঁই দাও আমায় আলতা করে
তোমার চরণে ঠাঁই দাও আমায় আলতা করে
Arghyadeep Chakraborty
"सूत्र-सिद्धान्त"
Dr. Kishan tandon kranti
एक पुरुष कभी नपुंसक नहीं होता बस उसकी सोच उसे वैसा बना देती
एक पुरुष कभी नपुंसक नहीं होता बस उसकी सोच उसे वैसा बना देती
Rj Anand Prajapati
दिल जीत लेगी
दिल जीत लेगी
Dr fauzia Naseem shad
आया करवाचौथ, सुहागिन देखो सजती( कुंडलिया )
आया करवाचौथ, सुहागिन देखो सजती( कुंडलिया )
Ravi Prakash
राखी
राखी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Next
Next
Rajan Sharma
तेरी मुहब्बत से, अपना अन्तर्मन रच दूं।
तेरी मुहब्बत से, अपना अन्तर्मन रच दूं।
Anand Kumar
मेरे पापा आज तुम लोरी सुना दो
मेरे पापा आज तुम लोरी सुना दो
Satish Srijan
फितरत
फितरत
Sidhartha Mishra
हनुमान जी वंदना ।। अंजनी सुत प्रभु, आप तो विशिष्ट हो ।।
हनुमान जी वंदना ।। अंजनी सुत प्रभु, आप तो विशिष्ट हो ।।
Kuldeep mishra (KD)
अध्यात्म का अभिसार
अध्यात्म का अभिसार
Dr.Pratibha Prakash
💐Prodigy Love-17💐
💐Prodigy Love-17💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Rekha Drolia
भगवान महाबीर
भगवान महाबीर
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ख्वाब सुलग रहें है... जल जाएंगे इक रोज
ख्वाब सुलग रहें है... जल जाएंगे इक रोज
सिद्धार्थ गोरखपुरी
राज्याभिषेक
राज्याभिषेक
Paras Nath Jha
नश्वर संसार
नश्वर संसार
Shyam Sundar Subramanian
जन जन फिर से तैयार खड़ा कर रहा राम की पहुनाई।
जन जन फिर से तैयार खड़ा कर रहा राम की पहुनाई।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
* मंजिल आ जाती है पास *
* मंजिल आ जाती है पास *
surenderpal vaidya
दिल के दरवाजे भेड़ कर देखो - संदीप ठाकुर
दिल के दरवाजे भेड़ कर देखो - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
संज्ञा
संज्ञा
पंकज कुमार कर्ण
"मैं सब कुछ सुनकर मैं चुपचाप लौट आता हूँ
दुष्यन्त 'बाबा'
खामोशियां पढ़ने का हुनर हो
खामोशियां पढ़ने का हुनर हो
Amit Pandey
प्यार कर रहा हूँ मैं - ग़ज़ल
प्यार कर रहा हूँ मैं - ग़ज़ल
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
फिर मिलेंगें
फिर मिलेंगें
साहित्य गौरव
■ कोशिश हास्यास्पद ही नहीं मूर्खतापूर्ण भी।।
■ कोशिश हास्यास्पद ही नहीं मूर्खतापूर्ण भी।।
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...