जबसे लेखन करने लगे
?जबसे लेखन करने लगे?
जब से हम कविताओं का रचन करने लगे,,
न जाने कौन कौन से सवाल हम पर उठने लगे,,
कहते है जो बात बात पर इतना हँसते मुस्कुराते थे,,
कैसे गहराई से इतना वो मनन करने लगे,,
छुपी हुई प्रतिभा को ढूंढ निकाला जिसने,,
इंसान नही वो खुदा का फरिश्ता हैं उसका मनन करने लगे,,
ये एहसान उसके ही ताउम्र रहेंगे हमपर,,
जिसने हमारे हालातों को समझा अध्ययन करने लगे,,
यू तो मुझे मशहूर होने का कोई शोक नही,,
अपने ही मुझे जान ले वही भला आजकल सब सहन करने लगे,,
कुछ की तो नजर यू घूरने लगी है,,
न जाने कौन सी उन्हें बात चुभन करने लगे,,
?सोनु जैन मंदसौर?