जफा मेरा बताओ(मजदूर की व्यथा)
विषय: मजदूरों की व्यथा(एक यक्ष प्रश्न)
विधा -गीतिका
मापनी १२२२,१२२२,१२२२,१२२
समान्त -आओ !
पदान्त-०
नहीं मुझ पर करो किरपा नहीं अहसां दिखाओ।
गरीबी में पला हूं मैं जफा मेरा बताओ।(१)
सदा भूखा रहा हूं मैं कटी है मुफलिसी में,
निभाता हूं मैं’ अपना फर्ज तुम अपना निभाओ।(२)
बनाए हैं सदा मैने तुम्हारे घर अमीरों ,
जरा बदलो नजरिया अब नहीं मुझको सताओ।(३)
नहीं रहता कभी मौसम खुशक नम एक सा ही
ये’ मौसम भी बदलता है जरा अब बदल जाओ।।(४)
उगे हैं पात कोमल शजर की डाली पे देखो,
उठो बदलो बना मानक नये नवगीत गाओ।(५)
?अटल मुरादाबादी ?