Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Mar 2017 · 1 min read

जन —-सिसकता हुआ

गजल

212 *4

नोट की मार से जन सिसकता हुआ
जब न रोटी मिले तो बिलखता हुआ

भीड़ में वो सुबह से खड़ा शाम तक
पर न पैसे मिले तो उखड़ता हुआ

बस परेशान होता रहे आम जन
मस्त नेता तभी वो चहकता हुआ

नोट अपने नहीं जो बताये अब तलक
अब बिचारा डरा है सनकता हुआ

खूब दौलत कमाई उसी ने तभी
आज छापा पड़ा तो बिखरता हुआ

74 Likes · 429 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all
You may also like:
मेरी चुनरी में लागा दाग, कन्हैया
मेरी चुनरी में लागा दाग, कन्हैया
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
क्या है खूबी हमारी बता दो जरा,
क्या है खूबी हमारी बता दो जरा,
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
बुंदेली दोहा -तर
बुंदेली दोहा -तर
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
चाह और आह!
चाह और आह!
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
काग़ज़ ना कोई क़लम,
काग़ज़ ना कोई क़लम,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
कुछ बेशकीमती छूट गया हैं तुम्हारा, वो तुम्हें लौटाना चाहता हूँ !
कुछ बेशकीमती छूट गया हैं तुम्हारा, वो तुम्हें लौटाना चाहता हूँ !
The_dk_poetry
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
जागरूक हो हर इंसान
जागरूक हो हर इंसान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
एक पराई नार को 💃🏻
एक पराई नार को 💃🏻
Yash mehra
टिमटिमाता समूह
टिमटिमाता समूह
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
प्रमेय
प्रमेय
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दोहा त्रयी. . . सन्तान
दोहा त्रयी. . . सन्तान
sushil sarna
डोमिन ।
डोमिन ।
Acharya Rama Nand Mandal
■ बिल्ली लड़ाओ, रोटी खाओ अभियान जारी।
■ बिल्ली लड़ाओ, रोटी खाओ अभियान जारी।
*Author प्रणय प्रभात*
यति यतनलाल
यति यतनलाल
Dr. Pradeep Kumar Sharma
आज की तारीख हमें सिखा कर जा रही है कि आने वाली भविष्य की तार
आज की तारीख हमें सिखा कर जा रही है कि आने वाली भविष्य की तार
Seema Verma
2515.पूर्णिका
2515.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
कल कल करती बेकल नदियां
कल कल करती बेकल नदियां
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
*
*"जहां भी देखूं नजर आते हो तुम"*
Shashi kala vyas
किस्मत की लकीरें
किस्मत की लकीरें
Dr Parveen Thakur
चेहरे के पीछे चेहरा और उस चेहरे पर भी नकाब है।
चेहरे के पीछे चेहरा और उस चेहरे पर भी नकाब है।
सिद्धार्थ गोरखपुरी
*बोल*
*बोल*
Dushyant Kumar
हादसे बोल कर नहीं आते
हादसे बोल कर नहीं आते
Dr fauzia Naseem shad
कभी लौट गालिब देख हिंदुस्तान को क्या हुआ है,
कभी लौट गालिब देख हिंदुस्तान को क्या हुआ है,
शेखर सिंह
वह पढ़ता या पढ़ती है जब
वह पढ़ता या पढ़ती है जब
gurudeenverma198
मनहरण घनाक्षरी
मनहरण घनाक्षरी
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मोतियाबिंद
मोतियाबिंद
Surinder blackpen
शिक्षक जब बालक को शिक्षा देता है।
शिक्षक जब बालक को शिक्षा देता है।
Kr. Praval Pratap Singh Rana
तपते सूरज से यारी है,
तपते सूरज से यारी है,
Satish Srijan
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
Loading...