Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Jan 2017 · 1 min read

*** जज्बा देशभक्ति का ***

जज़्बा देशभक्ति का बना रहे जवानों में

भय बना रहे सदा मुल्क के हैवानों में

खैरियत अपनी मना लो देश के दुश्मनों

आज भारत की शुमार है नोजवानों में ।।

सलाम इस धरती को सलाम आसमां को

सलाम इस देश के उन खेवनहारों को

बख्सी जां दूसरों की खुद खाक हो गये

स्वप्नसजाये हमारे और खुदराख़ हो गये।।
?मधुप बैरागी

Language: Hindi
728 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from भूरचन्द जयपाल
View all
You may also like:
💐प्रेम कौतुक-209💐
💐प्रेम कौतुक-209💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*फेसबुक पर स्वर्गीय श्री शिव अवतार रस्तोगी सरस जी से संपर्क*
*फेसबुक पर स्वर्गीय श्री शिव अवतार रस्तोगी सरस जी से संपर्क*
Ravi Prakash
इश्क का तोता
इश्क का तोता
Neelam Sharma
■ कृष्ण_पक्ष
■ कृष्ण_पक्ष
*Author प्रणय प्रभात*
* मुक्तक *
* मुक्तक *
surenderpal vaidya
फूल और कांटे
फूल और कांटे
अखिलेश 'अखिल'
3116.*पूर्णिका*
3116.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सत्य यह भी
सत्य यह भी
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
अभिनेता वह है जो अपने अभिनय से समाज में सकारात्मक प्रभाव छोड
अभिनेता वह है जो अपने अभिनय से समाज में सकारात्मक प्रभाव छोड
Rj Anand Prajapati
10-भुलाकर जात-मज़हब आओ हम इंसान बन जाएँ
10-भुलाकर जात-मज़हब आओ हम इंसान बन जाएँ
Ajay Kumar Vimal
योग और नीरोग
योग और नीरोग
Dr Parveen Thakur
There's nothing wrong with giving up on trying to find the a
There's nothing wrong with giving up on trying to find the a
पूर्वार्थ
जय माँ जगदंबे 🙏
जय माँ जगदंबे 🙏
डॉ.सीमा अग्रवाल
उर्दू
उर्दू
Surinder blackpen
(7) सरित-निमंत्रण ( स्वेद बिंदु से गीला मस्तक--)
(7) सरित-निमंत्रण ( स्वेद बिंदु से गीला मस्तक--)
Kishore Nigam
प्रिय मैं अंजन नैन लगाऊँ।
प्रिय मैं अंजन नैन लगाऊँ।
Anil Mishra Prahari
मोहब्बत में मोहब्बत से नजर फेरा,
मोहब्बत में मोहब्बत से नजर फेरा,
goutam shaw
गारंटी सिर्फ़ प्राकृतिक और संवैधानिक
गारंटी सिर्फ़ प्राकृतिक और संवैधानिक
Mahender Singh
*चुनाव से पहले नेता जी बातों में तार गए*
*चुनाव से पहले नेता जी बातों में तार गए*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
यह दुनिया भी बदल डालें
यह दुनिया भी बदल डालें
Dr fauzia Naseem shad
फितरत
फितरत
Kanchan Khanna
इंसान एक दूसरे को परखने में इतने व्यस्त थे
इंसान एक दूसरे को परखने में इतने व्यस्त थे
ruby kumari
ऐ आसमां ना इतरा खुद पर
ऐ आसमां ना इतरा खुद पर
शिव प्रताप लोधी
उम्रभर
उम्रभर
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
हाइकु
हाइकु
Prakash Chandra
Prastya...💐
Prastya...💐
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
आँखें
आँखें
लक्ष्मी सिंह
चिरैया पूछेंगी एक दिन
चिरैया पूछेंगी एक दिन
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
संसार का स्वरूप(3)
संसार का स्वरूप(3)
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
Loading...