जज्बातों की खानाखराबी
जज्बाती होना अब ज़माने में अज़ाब हो गया ।
क्या करें ए दिल आज वक्त बड़ा खराब हो गया।
किसी को सुनाने चला था अपना दर्द ए फसाना ,
खामखाह ! एक शायर का खानाखराब हो गया ।
जज्बाती होना अब ज़माने में अज़ाब हो गया ।
क्या करें ए दिल आज वक्त बड़ा खराब हो गया।
किसी को सुनाने चला था अपना दर्द ए फसाना ,
खामखाह ! एक शायर का खानाखराब हो गया ।