Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Mar 2020 · 1 min read

जग महकाएँ

अंधकार हो,जिस पथ पर भी,चलो मिटाएँ
खण्ड खण्ड हो,तम का दर्प अब,दीप जलाएँ

अनपढ़ है,जब तक कोई भी,न बैठो तुम
आओ साथ में,मिलकर शिक्षा की,ज्योति जगाएँ

दूषित जल,दूषित भोजन है,दूषित मन
जागरूक हों,सबके अंतर्मन,युक्ति बताएँ

बिकेगा जल,पेट्रोल की तरह,प्यासे मरेंगे
जल का मूल्य,पहचान अभी से,इसे बचाएँ

वर्षा सिमटी,बरस के दो क्षण,सूखा है सब
अभी है मौका,कह दो सब जन,पेड़ लगाएँ

बेटी है एक,अनमोल रतन,समझो प्यारे
काम बाद में,सर्वप्रथम हम,बेटी पढ़ाएँ

भारत माँ को,गर्व हो हम पर,ऐसा कर दें
विश्वपटल,हो जाए सुशोभित,जग महकाएँ

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 227 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मेरी खूबसूरती बदन के ऊपर नहीं,
मेरी खूबसूरती बदन के ऊपर नहीं,
ओसमणी साहू 'ओश'
"समय क़िस्मत कभी भगवान को तुम दोष मत देना
आर.एस. 'प्रीतम'
कभी सुलगता है, कभी उलझता  है
कभी सुलगता है, कभी उलझता है
Anil Mishra Prahari
निकले थे चांद की तलाश में
निकले थे चांद की तलाश में
Dushyant Kumar Patel
🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
subhash Rahat Barelvi
इंसानियत का एहसास
इंसानियत का एहसास
Dr fauzia Naseem shad
गौतम बुद्ध है बड़े महान
गौतम बुद्ध है बड़े महान
Buddha Prakash
प्रिय भतीजी के लिए...
प्रिय भतीजी के लिए...
डॉ.सीमा अग्रवाल
मेरी माँ तू प्यारी माँ
मेरी माँ तू प्यारी माँ
Vishnu Prasad 'panchotiya'
स्वतंत्रता दिवस
स्वतंत्रता दिवस
Dr Archana Gupta
दैनिक जीवन में सब का तू, कर सम्मान
दैनिक जीवन में सब का तू, कर सम्मान
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
"उड़ान"
Yogendra Chaturwedi
*रिश्वत ( कुंडलिया )*
*रिश्वत ( कुंडलिया )*
Ravi Prakash
जीवन का हर वो पहलु सरल है
जीवन का हर वो पहलु सरल है
'अशांत' शेखर
चक्षु द्वय काजर कोठरी , मोती अधरन बीच ।
चक्षु द्वय काजर कोठरी , मोती अधरन बीच ।
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
बचपन याद बहुत आता है
बचपन याद बहुत आता है
VINOD CHAUHAN
तलास है उस इंसान की जो मेरे अंदर उस वक्त दर्द देख ले जब लोग
तलास है उस इंसान की जो मेरे अंदर उस वक्त दर्द देख ले जब लोग
Rituraj shivem verma
मेरे पृष्ठों को खोलोगे _यही संदेश पाओगे ।
मेरे पृष्ठों को खोलोगे _यही संदेश पाओगे ।
Rajesh vyas
2675.*पूर्णिका*
2675.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
* हासिल होती जीत *
* हासिल होती जीत *
surenderpal vaidya
Starting it is not the problem, finishing it is the real thi
Starting it is not the problem, finishing it is the real thi
पूर्वार्थ
वहां पथ पथिक कुशलता क्या, जिस पथ पर बिखरे शूल न हों।
वहां पथ पथिक कुशलता क्या, जिस पथ पर बिखरे शूल न हों।
Slok maurya "umang"
शब्दों मैं अपने रह जाऊंगा।
शब्दों मैं अपने रह जाऊंगा।
गुप्तरत्न
"अंकों की भाषा"
Dr. Kishan tandon kranti
कर्मठ व्यक्ति की सहनशीलता ही धैर्य है, उसके द्वारा किया क्षम
कर्मठ व्यक्ति की सहनशीलता ही धैर्य है, उसके द्वारा किया क्षम
Sanjay ' शून्य'
चाहता हूं
चाहता हूं
Er. Sanjay Shrivastava
शिछा-दोष
शिछा-दोष
Bodhisatva kastooriya
होगा कौन वहाँ कल को
होगा कौन वहाँ कल को
gurudeenverma198
■ आज का मुक्तक
■ आज का मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
स्वप्न लोक के वासी भी जगते- सोते हैं।
स्वप्न लोक के वासी भी जगते- सोते हैं।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
Loading...