Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jul 2021 · 1 min read

छोड़ो नफरत और अदावट….

छोड़ो नफरत और अदावट।
हर चेहरे पर, दिपे खिलावट।

रची विधना ने रचना अद्भुत,
सहज बनावट, सघन बुनावट।

परख न पाएँ अपना-पराया,
बातों में यूँ, मिले न मिलावट।

मुख पर सबके चढ़ा मुखौटा,
मीठी बानी में, गरल घुलावट।

सज्जनता की पूछ न कोई,
भाती सबको, सिर्फ सजावट।

जीवन जटिल हुआ है इतना,
सहज प्रवाह में,आई रुकावट।

नियामत पाई खुदा की उसने,
वाणी से जिसकी, झरे हलावट।

छाप न छोड़ें, मन पर कोई,
चलती खबरें, फौरी-फटाफट।

सृजन की दो मुख्य कसौटी,
भाव-संगुफन, शिल्प-कसावट।

हुआ आज रोबोट-सा मानव,
नैतिक मूल्यों में, आई गिरावट।

रही न दुनिया जीने लायक,
होती देख सब, ऊब-झिलावट।

घाम विकट है छाँह माँगे मन,
ढूँढे से मिले न, कोई महावट।

लेखन तभी सफल हो ‘सीमा’
मर्म छुए जब, सहज लिखावट।

-© डॉ. सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद ( उ.प्र. )
“चाहत चकोर की” से

4 Likes · 4 Comments · 524 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ.सीमा अग्रवाल
View all
You may also like:
জপ জপ কালী নাম জপ জপ দুর্গা নাম
জপ জপ কালী নাম জপ জপ দুর্গা নাম
Arghyadeep Chakraborty
रात क्या है?
रात क्या है?
Astuti Kumari
ज़िंदगानी
ज़िंदगानी
Shyam Sundar Subramanian
3237.*पूर्णिका*
3237.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"श्रृंगारिका"
Ekta chitrangini
श्री राम भक्ति सरिता (दोहावली)
श्री राम भक्ति सरिता (दोहावली)
Vishnu Prasad 'panchotiya'
💐अज्ञात के प्रति-126💐
💐अज्ञात के प्रति-126💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
वर्षा के दिन आए
वर्षा के दिन आए
Dr. Pradeep Kumar Sharma
धर्म का मर्म समझना है ज़रूरी
धर्म का मर्म समझना है ज़रूरी
Dr fauzia Naseem shad
"Recovery isn’t perfect. it can be thinking you’re healed fo
पूर्वार्थ
बड़ी मादक होती है ब्रज की होली
बड़ी मादक होती है ब्रज की होली
कवि रमेशराज
नीति अनैतिकता को देखा तो,
नीति अनैतिकता को देखा तो,
Er.Navaneet R Shandily
मौसम  सुंदर   पावन  है, इस सावन का अब क्या कहना।
मौसम सुंदर पावन है, इस सावन का अब क्या कहना।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
"जीवन का सफर"
Dr. Kishan tandon kranti
हर एकपल तेरी दया से माँ
हर एकपल तेरी दया से माँ
Basant Bhagawan Roy
दिल पर दस्तक
दिल पर दस्तक
Surinder blackpen
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
समर्पित बनें, शरणार्थी नहीं।
समर्पित बनें, शरणार्थी नहीं।
Sanjay ' शून्य'
* अपना निलय मयखाना हुआ *
* अपना निलय मयखाना हुआ *
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खुद का साथ
खुद का साथ
Shakuntla Shaku
बहुत सस्ती दर से कीमत लगाई उसने
बहुत सस्ती दर से कीमत लगाई उसने
कवि दीपक बवेजा
प्रिय
प्रिय
The_dk_poetry
#शुभ_रात्रि
#शुभ_रात्रि
*Author प्रणय प्रभात*
पिया बिन सावन की बात क्या करें
पिया बिन सावन की बात क्या करें
Devesh Bharadwaj
जब होंगे हम जुदा तो
जब होंगे हम जुदा तो
gurudeenverma198
तुम हज़ार बातें कह लो, मैं बुरा न मानूंगा,
तुम हज़ार बातें कह लो, मैं बुरा न मानूंगा,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
गोधरा
गोधरा
Prakash Chandra
बादलों के घर
बादलों के घर
Ranjana Verma
वो मेरे बिन बताए सब सुन लेती
वो मेरे बिन बताए सब सुन लेती
Keshav kishor Kumar
कुत्ते का श्राद्ध
कुत्ते का श्राद्ध
Satish Srijan
Loading...