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12 May 2017 · 1 min read

छोड़ के कंचन महल अटारी

????
छोड़ के कंचन महल अटारी,
जोगन रूप सजाऊंगी……
वृन्दावन की कुन्ज गली में,
अपनी कुटी बनाऊंगी…..
?
लट चिपकाऊ,भस्म रमाऊं,
लोकलाज बिसराऊंगी……
मन में तेरी मोहनी सुरत,
ले करताल बजाऊंगी……..
?
सास-ससुर की कही ना मानूं,
घुंघट मुख ना छिपाऊंगी……
लोग कहे मीरा भई बावरी,
लोक लाज बिसराऊंगी……..

???? —लक्ष्मी सिंह?☺

Language: Hindi
441 Views
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