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19 Aug 2021 · 1 min read

छूता है मेरा मन

जब जब तू
छूता है मेरा मन
बस आहट

जब जब तू
बने मेरा काजल
बस रोंमाच

जब जब तू
मेरे कपोल पर
बस बैचैन

जब जब लूँ
जप तेरा मैं नाम
बस उदास

जब जब तू
अन्तस में मेरे
बस मुस्कां

जब जब तू
शब्द बेधी बनता
निस्सार होता

जब सोचू मैं
तुझमें बदलाव
बस फासला

जब कहू मैं
अजब अन्तराल
बेहद दूर

Language: Hindi
79 Likes · 361 Views
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