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19 Dec 2020 · 1 min read

छिनता बचपन

छिनता बचपन
★★★★★★
यह कैसी विडंबना है कि
देश तरक्की की राह पर
आगे बढ़ रहा है,
फिर भी देश आज भी
बाल मजदूरी का दंश सह रहा है।
आज भी बच्चों का
बड़ा हिस्सा बाल मजदूरी की
भेंट चढ़ रहा है,
जाने अनजाने
छिनता बचपन
भूख की विवशता
पारिवारिक मजबूरियों की
लाचारी बेबसी के चलते
उनका बचपन छिन रहा है।
यह कैसी लाचारी है
कि आनेवाले कल भविष्य
आज बाल मजदूरी कर
पिस रहा है।
✍ सुधीर श्रीवास्तव

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 426 Views
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