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9 Jul 2016 · 1 min read

छाया अंबा की// हाइकु//

[1]
छाया अंबा की
मेरे सुखी जीवन
हूँ गुलजार !!

[२]
अम्बर नीला
हरी भरी धरती
बहती नदी !

[3]
राधा नगरी
श्याम का आगमन
प्रीत संगम !!

[4]
न्याय नगरी
गुनाह होते रोज
किसका दोष !!

[5]
धरती प्यासी
खिले सावन धुप
कृषा की आस !!

[6]
चिड़ियाँ प्यासी
तपता रेगिस्तान
है हलचल !!

[7]
पत्थर दिल
तुझे माना है रब
क्योकि सितम !!

Language: Hindi
3 Comments · 542 Views
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