Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 May 2020 · 1 min read

छलक रहे हैं जाम

बंदी में जिस ढंग से ,छलक रहे हैं जाम ।
आगे आगे देखिए, ..क्या होगा अंजाम ।
क्या होगा अंजाम, बात मेरी सुन लेना ।
हो जायेगा आम, आदमी को खो देना ।
कह रमेश कविराय, छा रही यूँ ही मंदी ।
बढ़ जाये ना और, कहीं ये फिर सें बंदी ।।
रमेश शर्मा.

4 Likes · 1 Comment · 326 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जिंदगी की पहेली
जिंदगी की पहेली
RAKESH RAKESH
हम हैं कक्षा साथी
हम हैं कक्षा साथी
Dr MusafiR BaithA
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
कविता
कविता
Shiva Awasthi
धर्म अधर्म की बाते करते, पूरी मनवता को सतायेगा
धर्म अधर्म की बाते करते, पूरी मनवता को सतायेगा
Anil chobisa
गरजता है, बरसता है, तड़पता है, फिर रोता है
गरजता है, बरसता है, तड़पता है, फिर रोता है
Suryakant Dwivedi
*मैं बच्चों की तरह हर रोज, सारे काम करता हूँ (हिंदी गजल/गीति
*मैं बच्चों की तरह हर रोज, सारे काम करता हूँ (हिंदी गजल/गीति
Ravi Prakash
💐अज्ञात के प्रति-108💐
💐अज्ञात के प्रति-108💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Little Things
Little Things
Dhriti Mishra
■ बेचारे...
■ बेचारे...
*Author प्रणय प्रभात*
डॉ० रामबली मिश्र हरिहरपुरी का
डॉ० रामबली मिश्र हरिहरपुरी का
Rambali Mishra
फायदे का सौदा
फायदे का सौदा
ओनिका सेतिया 'अनु '
"जल"
Dr. Kishan tandon kranti
फितरत
फितरत
Kanchan Khanna
जिसके भीतर जो होगा
जिसके भीतर जो होगा
ruby kumari
मैं आँखों से जो कह दूं,
मैं आँखों से जो कह दूं,
Swara Kumari arya
तंज़ीम
तंज़ीम
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आपाधापी व्यस्त बहुत हैं दफ़्तर  में  व्यापार में ।
आपाधापी व्यस्त बहुत हैं दफ़्तर में व्यापार में ।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
हिंदी शायरी संग्रह
हिंदी शायरी संग्रह
श्याम सिंह बिष्ट
समय से पहले
समय से पहले
अंजनीत निज्जर
উত্তর দাও পাহাড়
উত্তর দাও পাহাড়
Arghyadeep Chakraborty
जीवन
जीवन
Neeraj Agarwal
कि मुझे सबसे बहुत दूर ले जाएगा,
कि मुझे सबसे बहुत दूर ले जाएगा,
Deepesh सहल
दुश्मन से भी यारी रख। मन में बातें प्यारी रख। दुख न पहुंचे लहजे से। इतनी जिम्मेदारी रख। ।
दुश्मन से भी यारी रख। मन में बातें प्यारी रख। दुख न पहुंचे लहजे से। इतनी जिम्मेदारी रख। ।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
समय की कविता
समय की कविता
Vansh Agarwal
विध्न विनाशक नाथ सुनो, भय से भयभीत हुआ जग सारा।
विध्न विनाशक नाथ सुनो, भय से भयभीत हुआ जग सारा।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
तुलसी युग 'मानस' बना,
तुलसी युग 'मानस' बना,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
घर एक मंदिर🌷🙏
घर एक मंदिर🌷🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
क्रिकेटी हार
क्रिकेटी हार
Sanjay ' शून्य'
Loading...