छंदमुक्त कविता
जिन्हें ईमानदारी का आदत होता है
अक्सर उनका ही शिकायत होता है
है उन वीरों की माताओं को सलाम
जिनके दम से मुल्क सलामत होता है
जब नफरत घर में डेरा डाल देता है
दिन रात वहां पर बगावत होता है
सारे देशवासी चैन की नींद सोते हैं
जब सीमा पर वीरों का शहादत होता है
लोग तो कठपुतली हैं खुदा के “नूरी”
उसी के रहम से जहां का हिफाजत होता है।