छंदमुक्त कविता
#विषय-फुरसत के पल
फुरसत के पल मिल जाया करता
मन खुशी से खिल जाया करता।
मन की बातें सबसे बताया करती
घर- आंगन खूब सजाया करती
सबके लिए पकवान बनाया करती
गमलों में फूलों को लगाया करती
फुरसत के पल मिल जाया करता
मन खुशी से खिल जाया करता।
घर में गाना गुनगुनाते रहते हम
सबको हंसते – हंसाते रहते हम
लुका-छिपी खेल खेलाते रहते हम
दुखियों को भी बहलाते रहते हम
फुरसत के पल मिल जाया करता
मन खुशी से खिल जाया करता।
नूरफातिमा खातून नूरी
जिला-कुशीनगर