जिन्दगी
जिन्दगी इक सफ़र है चलते रहिए
फुरसत में डी पी बदलते रहिए।
आंधी, तुफान ,बादल क्या करेगा
बस सूरज की तरह चमकते रहिए।
जीवन मिले चार दिन ही सही,
सूखे गुलाब की तरह महकते रहिए।
सुख-दुख की फ़िक्र बहुत कर लिया
जीवन के फिहलपट्टी पे फिसलते रहिए।
आज कल के चक्कर में आधी उम्र गई,
सुबह पानी पीकर टहलते रहिए।
जीना हो जाएगा बड़ा आसान,
बस हालात के साथ ढलते रहिए।
नूरफातिमा खातून नूरी