Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jul 2020 · 1 min read

चोट अपनों की

सोने ने पुछा एक दिन लोहे से ,
तू चोट लगने पर इतना चिल्लाता क्यूं है ?
जबकि सुनार मुझे भी तो ,
हतौडे से ही चोट मारता है l
इतना सुनना था कि
लोहे का मुख मलीन हो गया ,
मामला अत्यंत संगीन हो गया ,
दुनिया भर का दर्द सारा ,
उसकी आँखों में समा गया l
साथ ही साथ लोहे के आगे ,
एक अंधेरा सा छा गया l
बड़े हीं प्यार से उसने ,
सोने को समझाया ,
मैं इसलिए देता हूँ दुहायी ,
ज़ब कोई मेरा ही अपना ,
भाई मुझसे है टकराता ,
तो मेरा दिल भी है चिल्लाता ,
दुनिया भर के सितमों को ,
क्योंकि सहा जा सकता है,
पर अपनों के दिये घावों को ,
कभी भरा नहीं जा सकता l
यह कह कर लोहा ,
दर्द से आहें भरने लगा ,
और सोना भी नि : शब्द ,
लोहे की बातों पर
अविरल विचार करने लगा l

लेखक – मनोरंजन कुमार श्रीवास्तव
पता- निकट शीतला माता मंदिर , शितला नगर , ग्राम तथा पोस्ट – बिजनौर , जिला – लखनऊ , उत्तर प्रदेश , भारत , पिन – 226002
सम्पर्क – 8787233718
E-mail – manoranjan1889@gmail.com

Language: Hindi
4 Likes · 4 Comments · 391 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बेटी आएगी, तो खुशियां लाएगी।
बेटी आएगी, तो खुशियां लाएगी।
Rajni kapoor
#सामयिक_रचना
#सामयिक_रचना
*Author प्रणय प्रभात*
आसमां में चांद प्यारा देखिए।
आसमां में चांद प्यारा देखिए।
सत्य कुमार प्रेमी
*भारत माता की महिमा को, जी-भर गाते मोदी जी (हिंदी गजल)*
*भारत माता की महिमा को, जी-भर गाते मोदी जी (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
गुलाब-से नयन तुम्हारे
गुलाब-से नयन तुम्हारे
परमार प्रकाश
15. गिरेबान
15. गिरेबान
Rajeev Dutta
प्यार/प्रेम की कोई एकमत परिभाषा कतई नहीं हो सकती।
प्यार/प्रेम की कोई एकमत परिभाषा कतई नहीं हो सकती।
Dr MusafiR BaithA
बेरोजगारी
बेरोजगारी
साहित्य गौरव
शिकारी संस्कृति के
शिकारी संस्कृति के
Sanjay ' शून्य'
आंखों में
आंखों में
Surinder blackpen
मज़दूरों का पलायन
मज़दूरों का पलायन
Shekhar Chandra Mitra
मुफलिसो और बेकशों की शान में मेरा ईमान बोलेगा।
मुफलिसो और बेकशों की शान में मेरा ईमान बोलेगा।
Phool gufran
"कैसा सवाल है नारी?"
Dr. Kishan tandon kranti
रामभक्त संकटमोचक जय हनुमान जय हनुमान
रामभक्त संकटमोचक जय हनुमान जय हनुमान
gurudeenverma198
सुप्रभात
सुप्रभात
डॉक्टर रागिनी
अकेला खुदको पाता हूँ.
अकेला खुदको पाता हूँ.
Naushaba Suriya
मेरी गुड़िया
मेरी गुड़िया
Kanchan Khanna
परम तत्व का हूँ  अनुरागी
परम तत्व का हूँ अनुरागी
AJAY AMITABH SUMAN
सिंदूरी भावों के दीप
सिंदूरी भावों के दीप
Rashmi Sanjay
लाइब्रेरी के कौने में, एक लड़का उदास बैठा हैं
लाइब्रेरी के कौने में, एक लड़का उदास बैठा हैं
The_dk_poetry
बिछड़ा हो खुद से
बिछड़ा हो खुद से
Dr fauzia Naseem shad
ईश ......
ईश ......
sushil sarna
हम चाहते हैं
हम चाहते हैं
Basant Bhagawan Roy
* विजयदशमी मनाएं हम *
* विजयदशमी मनाएं हम *
surenderpal vaidya
💐प्रेम कौतुक-310💐
💐प्रेम कौतुक-310💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मजे की बात है ....
मजे की बात है ....
Rohit yadav
औरों की खुशी के लिए ।
औरों की खुशी के लिए ।
Buddha Prakash
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Jitendra Kumar Noor
चाहता हे उसे सारा जहान
चाहता हे उसे सारा जहान
Swami Ganganiya
तोल मोल के बोलो वचन ,
तोल मोल के बोलो वचन ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
Loading...