Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Mar 2017 · 1 min read

चेतन बनिए आप, नशा दुख की जड़ काका

काका पीकर चिलम नित, बने साँस का रोग|
समल जगत् का रूप गह , फँसें, बने तम भोग||
फँसे, बने तम-भोग, और भ्रमरूपी हुक्का|
नाच रहे फेफड़ा, नाचता जैसे छक्का||
कह “नायक” कविराय, फेंक रोगों का चाका|
चेतन बनिए आप, नशा, दुख की जड़ काका||

बृजेश कुमार नायक
“जागा हिंदुस्तान चाहिए” एवं “क्रौंच सुऋषि आलोक” कृतियों के प्रणेता

-छक्का= हिजड़ा
(छक्का स्थानीय बोली का शब्द है )
-चाका=चाक(गाडी या रथ का पहिया)

1 Like · 664 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Pt. Brajesh Kumar Nayak
View all
You may also like:
मुहब्बत की बातें।
मुहब्बत की बातें।
Taj Mohammad
अपनी सरहदें जानते है आसमां और जमीन...!
अपनी सरहदें जानते है आसमां और जमीन...!
Aarti sirsat
माज़ी में जनाब ग़ालिब नज़र आएगा
माज़ी में जनाब ग़ालिब नज़र आएगा
Atul "Krishn"
इन आँखों को हो गई,
इन आँखों को हो गई,
sushil sarna
दिल पर किसी का जोर नहीं होता,
दिल पर किसी का जोर नहीं होता,
Slok maurya "umang"
पढ़े साहित्य, रचें साहित्य
पढ़े साहित्य, रचें साहित्य
संजय कुमार संजू
नाही काहो का शोक
नाही काहो का शोक
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
#छोटी_सी_नज़्म
#छोटी_सी_नज़्म
*Author प्रणय प्रभात*
आँखों की दुनिया
आँखों की दुनिया
Sidhartha Mishra
डोमिन ।
डोमिन ।
Acharya Rama Nand Mandal
रिश्ता
रिश्ता
अखिलेश 'अखिल'
2978.*पूर्णिका*
2978.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"अक्ल बेचारा"
Dr. Kishan tandon kranti
जिसकी जिससे है छनती,
जिसकी जिससे है छनती,
महेश चन्द्र त्रिपाठी
गजलकार रघुनंदन किशोर
गजलकार रघुनंदन किशोर "शौक" साहब का स्मरण
Ravi Prakash
सुविचार
सुविचार
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
**माटी जन्मभूमि की**
**माटी जन्मभूमि की**
लक्ष्मण 'बिजनौरी'
नहीं टूटे कभी जो मुश्किलों से
नहीं टूटे कभी जो मुश्किलों से
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
💐अज्ञात के प्रति-71💐
💐अज्ञात के प्रति-71💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
“बदलते भारत की तस्वीर”
“बदलते भारत की तस्वीर”
पंकज कुमार कर्ण
अश्रु
अश्रु
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
!!दर्पण!!
!!दर्पण!!
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
इकांत बहुत प्यारी चीज़ है ये आपको उससे मिलती है जिससे सच में
इकांत बहुत प्यारी चीज़ है ये आपको उससे मिलती है जिससे सच में
पूर्वार्थ
जिस्म से जान जैसे जुदा हो रही है...
जिस्म से जान जैसे जुदा हो रही है...
Sunil Suman
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
दोहे-
दोहे-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
रेशम की डोर राखी....
रेशम की डोर राखी....
राहुल रायकवार जज़्बाती
दुनिया बदल सकते थे जो
दुनिया बदल सकते थे जो
Shekhar Chandra Mitra
"रामगढ़ की रानी अवंतीबाई लोधी"
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
मेरी किस्मत को वो अच्छा मानता है
मेरी किस्मत को वो अच्छा मानता है
कवि दीपक बवेजा
Loading...