Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Aug 2016 · 2 min read

चूड़ियाँ जब बजतीं हैं

चूडियाँ जब बजतीं है

चूडियाँ जब बजतीं हैं बहुत भली ही लगतीं हैं
माँ की चूड़ियाँ बजती हैं
माँ की चूड़ियाँ बजती हैं
सुबह सुबह नींद से जगाने के लिये
माँ की चूड़ियाँ बजती हैं
एक एक कौर बना कर मुझे खिलाने के लिये
माँ की चूड़ियाँ बजती हैं
थपकी दे कर मुझे सुलाने के लिये
माँ की चूड़ियाँ बजती हैं
आर्शीवाद और दुआयें देने के लिये……….
हे! ईश्वर सदा मेरी माँ की चूड़ियाँ
इसी तरह बजती रहें खनकती रहें
ये जब तक बजेंगी खनकेंगी
मेरे पापा का प्यार दुलार
मेरे सिर पर बना रहेगा……
वरना तो मैं कुछ भी नहीं कुछ भी नहीं

बहन की चूड़ियाँ बजती हैं

बहन की चूड़ियाँ बजती हैं
मेरी कमर पर प्यार भरा
धौल जमाने के लिये
बहन की चूड़ियाँ बजती हैं
मेरे माथे पर चंदन टीका लगाने के लिये
बहन की चूड़ियाँ बजती हैं
मेरी कलाई पर राखी बाँधने के लिये
बहन की चूड़ियाँ बजती हैं
लड़ने और झगड़ने के लिये
हे! ईश्वर सदा मेरी बहन की चूड़ियाँ
इसी तरह बजती रहें खनकती रहें
ये जब तक बजेंगी साले बहनोई का
रिश्ता रहेगा
और रहेगा भाई बहन का प्यार जन्मों तक……….

पत्नी की चूड़ियाँ बजती हैं
पत्नी की चूड़ियाँ बजती हैं
प्रतीक्षारत हाथों से दरवाजा खोलने के लिये
पत्नी की चूड़ियाँ बजती हैं
प्यार और मनुहार करने के लिये
पत्नी की चूड़ियाँ बजती हैं
हर दिन रसोई में
मेरी पसन्द के तरह तरह के
पकवान बनाने के लिये
पत्नी की चूड़ियाँ बजती हैं
जब वह हो जाती है आलिंगनबद्ध
और सिमट जाती है मेरी बाहुपाश में
हे ईश्वर मेरी पत्नी की चूड़ियाँ
इसी तरह बजती रहें खनकती रहें
जब तक ये चूड़ियाँ बजेंगी खनकेंगी
तब तक मैं हूं मेरा अस्तित्व है
वरना, इनके बिना मैं कुछ भी नहीं कुछ भी नहीं

बेटी की चूड़ियाँ बजती हैं
बेटी की चूड़ियाँ बजती हैं
पापा पापा करके ससुराल जाते वक्त
मेरी कौली भरते समय
बेटी की चूड़ियाँ बजती हैं
दौड़ती हुयी आये और मेरे
सीने से लगते वक्त
बेटी की चूड़ियाँ बजती हैं
सूनी आँखों में आँसू लिये
मायके से ससुराल जाते वक़्त…….
बेटी की चूड़ियाँ बजती हैं
रूमाल से अपनी आँख के आँसू
पापा से छिपा कर पोंछते वक़्त
हे! ईश्वर मेरी बेटी की चूड़ियाँ
इसी तरह बजती रहें खनकती रहें
जब तक ये बजेंगी खनकेंगी
मैं उससे दूर रह कर भी
जी सकूंगा……खुश रह सकूंगा

बहू की चूड़ियाँ बजती हैं
बहू की चूड़ियाँ बजती हैं
मेरे घर को अपना बनाने के लिये
बहू की चूड़ियाँ बजती हैं
मेरे दामन को खुशियों से
भरने के लिये
बहू की चूड़ियाँ बजती हैं
मेरा वंश आगे बढ़ाने के लिये
बहू की चूड़ियाँ बजती हैं
मेरे बेटे को खुश रखने के लिये
हे! ईश्वर मेरी बहू की चूड़ियाँ
सदा इसी तरह बजती रहें खनकती रहें
जब तक ये बजेंगी खनकेंगी
मेरा बुढ़ापा सार्थक है वरना,
इनके बिना तो मेरा जीना ही
निष्क्रिय है निष्काम है
——————आभा सक्सेना देहरादून

Language: Hindi
7 Likes · 5 Comments · 1478 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
चलती है जिन्दगी
चलती है जिन्दगी
डॉ. शिव लहरी
अहंकार का एटम
अहंकार का एटम
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
"आत्मा"
Dr. Kishan tandon kranti
💐प्रेम कौतुक-386💐
💐प्रेम कौतुक-386💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
* दिल के दायरे मे तस्वीर बना दो तुम *
* दिल के दायरे मे तस्वीर बना दो तुम *
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जीवन देने के दांत / MUSAFIR BAITHA
जीवन देने के दांत / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
🤗🤗क्या खोजते हो दुनिता में  जब सब कुछ तेरे अन्दर है क्यों दे
🤗🤗क्या खोजते हो दुनिता में जब सब कुछ तेरे अन्दर है क्यों दे
Swati
धुंधली यादो के वो सारे दर्द को
धुंधली यादो के वो सारे दर्द को
'अशांत' शेखर
हे मृत्यु तैयार यदि तू आने को प्रसन्न मुख आ द्वार खुला है,
हे मृत्यु तैयार यदि तू आने को प्रसन्न मुख आ द्वार खुला है,
Vishal babu (vishu)
कुछ ख्वाब
कुछ ख्वाब
Rashmi Ratn
डॉ अरुण कुमार शास्त्री /एक अबोध बालक
डॉ अरुण कुमार शास्त्री /एक अबोध बालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
चरित्र राम है
चरित्र राम है
Sanjay ' शून्य'
*कुमुद की अमृत ध्वनि- सावन के झूलें*
*कुमुद की अमृत ध्वनि- सावन के झूलें*
रेखा कापसे
होली
होली
Madhavi Srivastava
सितारा कोई
सितारा कोई
shahab uddin shah kannauji
रक्त के परिसंचरण में ॐ ॐ ओंकार होना चाहिए।
रक्त के परिसंचरण में ॐ ॐ ओंकार होना चाहिए।
Rj Anand Prajapati
'आप ' से ज़ब तुम, तड़ाक,  तूँ  है
'आप ' से ज़ब तुम, तड़ाक, तूँ है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
यह कौनसा आया अब नया दौर है
यह कौनसा आया अब नया दौर है
gurudeenverma198
भोले शंकर ।
भोले शंकर ।
Anil Mishra Prahari
आँखें शिकायत करती हैं गमों मे इस्तेमाल हमारा ही क्यों करते ह
आँखें शिकायत करती हैं गमों मे इस्तेमाल हमारा ही क्यों करते ह
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
*मेरा वोट मेरा अधिकार (दोहे)*
*मेरा वोट मेरा अधिकार (दोहे)*
Rituraj shivem verma
कुछ किताबें और
कुछ किताबें और
Shweta Soni
गले लगा लेना
गले लगा लेना
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
बाल कहानी- अधूरा सपना
बाल कहानी- अधूरा सपना
SHAMA PARVEEN
Stop getting distracted by things that have nothing to do wi
Stop getting distracted by things that have nothing to do wi
पूर्वार्थ
कुर्सी खाली कर
कुर्सी खाली कर
Shekhar Chandra Mitra
तुम्हारे हमारे एहसासात की है
तुम्हारे हमारे एहसासात की है
Dr fauzia Naseem shad
गांव की याद
गांव की याद
Punam Pande
■ मंगलकामनाएं
■ मंगलकामनाएं
*Author प्रणय प्रभात*
रंगों का नाम जीवन की राह,
रंगों का नाम जीवन की राह,
Neeraj Agarwal
Loading...