Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Feb 2017 · 2 min read

चूहे से सीख

चूहे से सीख

बहुत पुरानी बात है । एक घर में शादी थी । उस घर की चार औरतें खेतों में शाम को शौचादि के लिए जा रही थी । सभी औरतें आपस में बातें कर रही थी । और कह रही थी कि अरी बहनों आज हमारे घर में शादी है परन्तु गीत तो हमें आते ही नही । तभी उनमें से एक औरत की नजर एक चूहे पर गई । वह चूहा बिल खोद रहा था । उसको देखकर वह औरत कहने लगी-
मैनें तो गीत सीख लिया । खुदक-खुदक क्या खोदा ।
यह सुनकर वह चूहा चुपचाल बैठ गया । यह देखकर दूसरी औरत कहने लगी-बहनों मैंने भी गीत सीख लिया और गाने लगी -चुपक-चाला क्यों बैठा ।
यह सुनकर वह चूहा धीरे-धीरे चलने लगा । उसको देखकर तीसरी औरत कहने लगी, मैंने भी गीत सीख लिया और गाने लगी -रूघक-रूघक कहां चला ।
यह सुनकर वह चूहा जोर-जोर से दौड़ने लगा । यह देखकर चौथी औरत कहने लगी, बहनों मैंने भी गीत सीख लिया- पटक-पछाड़, पटक पछाड़।
ये गीत सीखकर चारों घर वापिस आ गई । घर आने पर चारों ने शाम तक घर का काम किया । और शादी की तैयारियां की । उसके बाद शाम को आई गीत गाने की बारी । शाम को उनके घर के पिछवाड़े से चोरों ने सेंध लगा रखी थी । और पिछे से घर की दीवार की ईंटें निकालने लगे ।
ईधर वे औरतें अपना गीत शुरू करने लगी । जब चोरों ने दीवार को खोदना शुरू किया तो उन औरतों ने अपने गीत की शुरूआत की । पहली और गाने लगी -खुदक-खुदक क्या खोदा ।
यह सुनकर चोर चुपचाप बैठ गये । अब दूसरी की बारी थी । वह अपना गीत गाने लगी । और कहने लगी – चुपक-चाला क्यों बैठा ।
चोरों ने सोचा कि ये तो हमें देख रही हैं और वो चारों चोर चुपचाप वहां से चलने लगे । अब तीसरी की बारी थी । अब वह अपना गीत गाने लगी -रूघक-रूघक कहां चला ।
यह सुनकर चारों चोर वहां से भाग लिये । अब चौथी ने भी अपना गीत गा दिया । पटक-पछाड़, पटक पछाड़।
इस प्रकार से उनके से चूहे से सीखे गये गीत ने उनके घर चोरी होने से बचा लिया ।
समाप्त ।

Language: Hindi
246 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आत्मघाती हमला
आत्मघाती हमला
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
काश! तुम हम और हम हों जाते तेरे !
काश! तुम हम और हम हों जाते तेरे !
The_dk_poetry
माँ
माँ
श्याम सिंह बिष्ट
"लकीरों के रंग"
Dr. Kishan tandon kranti
नन्हीं - सी प्यारी गौरैया।
नन्हीं - सी प्यारी गौरैया।
Anil Mishra Prahari
प्रकृति को जो समझे अपना
प्रकृति को जो समझे अपना
Buddha Prakash
छू लेगा बुलंदी को तेरा वजूद अगर तुझमे जिंदा है
छू लेगा बुलंदी को तेरा वजूद अगर तुझमे जिंदा है
'अशांत' शेखर
........,
........,
शेखर सिंह
तुम याद आये !
तुम याद आये !
Ramswaroop Dinkar
International Chess Day
International Chess Day
Tushar Jagawat
बादल
बादल
Shutisha Rajput
*निंदिया कुछ ऐसी तू घुट्टी पिला जा*-लोरी
*निंदिया कुछ ऐसी तू घुट्टी पिला जा*-लोरी
Poonam Matia
1-कैसे विष मज़हब का फैला, मानवता का ह्रास हुआ
1-कैसे विष मज़हब का फैला, मानवता का ह्रास हुआ
Ajay Kumar Vimal
विधाता छंद (28 मात्रा ) मापनी युक्त मात्रिक
विधाता छंद (28 मात्रा ) मापनी युक्त मात्रिक
Subhash Singhai
💐 Prodigy Love-6💐
💐 Prodigy Love-6💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
किरदार अगर रौशन है तो
किरदार अगर रौशन है तो
shabina. Naaz
घे वेध भविष्याचा ,
घे वेध भविष्याचा ,
Mr.Aksharjeet
* मुझे क्या ? *
* मुझे क्या ? *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दीवाली
दीवाली
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
तुम न जाने कितने सवाल करते हो।
तुम न जाने कितने सवाल करते हो।
Swami Ganganiya
262p.पूर्णिका
262p.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
गणतंत्र दिवस
गणतंत्र दिवस
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हिम बसंत. . . .
हिम बसंत. . . .
sushil sarna
खामोशी से तुझे आज भी चाहना
खामोशी से तुझे आज भी चाहना
Dr. Mulla Adam Ali
दो शब्द सही
दो शब्द सही
Dr fauzia Naseem shad
ईश्वर
ईश्वर
Shyam Sundar Subramanian
*आऍं-आऍं राम इस तरह, भारत में छा जाऍं (गीत)*
*आऍं-आऍं राम इस तरह, भारत में छा जाऍं (गीत)*
Ravi Prakash
बेटियां
बेटियां
Nanki Patre
अभी-अभी
अभी-अभी
*Author प्रणय प्रभात*
फोन
फोन
Kanchan Khanna
Loading...