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15 Mar 2017 · 1 min read

** चुपचाप **

जख़्म सहते रहे जो मुहब्बत में सब चुपचाप
देश के वास्ते मुहब्बत को मिटा देंगे चुपचाप
ग़म ना करना शहादत-ए-मुहब्बत का कभी
जो कुर्बान कर दूं ये देश के वास्ते चुपचाप ।।
?मधुप बैरागी

Language: Hindi
1 Like · 530 Views
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