चुनावी मौसम
राजनेताओं जुमलों का ठेला भर कर आ गया
देश के बाजीगर आ गए चुनावी मौसम आ गया
पाँच वर्ष जो बैठे थे देश की जन्नत पर
आ गए बैठने को ये देश की पंगत पर
गरीबों को पटाने का मौसम आ गया
देश के बाजीगर आ गए चुनावी मौसम आ गया
जनता भोली भाली को सब्जबाग दिखाएंगे
लालच और धोखे से लोगों को धूर्त बनाएंगें
वोटों का नोटों में बिकने का मौसम आ गया
देश के बाजीगर आ गए चुनावी मौसम आ गया
शिक्षा,स्वास्थ्य,स्व्च्छता,गरीबी मुख्य मुद्दे गौण थे
सफेदपोश शिकारी भेड़िये उन पर कब से मौन.थे
झूठ फरेब का रंग बिरंगा झूठों का मौसम आ गया
देश के बाजीगर आ गए चुनावी मौसम आ गया
सत्ता के गलियारों से जोड़ा धन माया का खजाना
चोरी,ठगी ठौरी सीनाजोरी से संचित किया खजाना
देश लूटने वाले आ गए चुनावी मौसम आ गया
देश के बाजीगर आ गए चुनावी मौसम आ गया
जो नजर छिपाए नजर चुराए बच निकलते थे
अब नजर बिछाए नजर मिलाकर मिलते हैं
बरसाती मेंढक आ गए चुनावी मौसम आ गया
देश के बाजीगर आ गए चुनावी मौसम आ गया
राजनेताओं जुमलों का ठेला भर कर आ गया
देश के बाजीगर आ गए चुनावी मौसम आ गया
सुखविंद्र सिंह मनसीरत