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25 Sep 2019 · 2 min read

चुनावी च्युइंगम

यूँ ही
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क्या किसी को बरगलाना ,फुसलाना अपराध है? क्या किसी को गुमराह करके ,या झूंठे सपने दिखाकर अपना उल्लू सीधा करना अच्छी बात है ? तमाम प्रकार के प्रश्न लेकर महेश जी मेरे पास आ धमके। मैं बोला क्या मन्तव्य है आपका। वो बोले मन्तव्य कुछ नहीं ,
यार जब कोई लड़का किसी लड़की को झूंठे झांसे देकर अपना घर बसाये तो उस पर तमाम धाराएं लगा दी जाती है,उनकी ग्रहस्थी उजाड़ दी जाती है,परन्तु व्यापारी भ्रामक प्रचार कर अपने प्रोडक्ट बेच दे, मेडिकल कम्पनियां झूँठी गारंटी देकर 2 रूपये के माल को 200 रूपये में बेच दे,गंजो के बाल उगाने के नाम पर दुकानदार से लेकर डॉक्टर तक दुकान चलाये, नेता लोग झूंठे मनगढ़ंत भाषणों से गुमराह करके सत्ता सुंदरी का वरण कर ले फिर भी महान संविधान में उनके खिलाफ कोई धारा नहीं लिखी। परन्तु यदि कोई टेक्स के मामले में अनजाने में कोई गलती कर बैठे तो सीधा जेल ,कारण वो सपूत अपने खून पसीने की कमाई से नाकारा लोगो को पालने में मना कर रहा है। यह आरोप लगता है उस पर,और राजनितिक सरकारों ने तो देश को अराजकता की तरफ लगभग धकेल ही दिया है,जहां नाकाराओं की फौज मुफ्त बंदरबांट के आधार पर तैयार कर दी है।हर चीज़ मुफ्त किस बिला पर मेहनतकश लोगो की मेहनत की कमाई के टेक्स पर जो क्रिटिकल लेवल पर पहुंच चुका है ,अपनी कमाई का 10 परसेंट देता है एक ईमानदार देश भक्त ,जिसे वोट बैंक के लिये मुफ्त में खर्च कर रही सरकारे।… अरे अरे महेश जी आप तो भाषण देने लगे यार,आपके कोई ऑफ़ वाला बटन भी है या नहीं।और हम दोनों खिलखिलाकर हंस पढ़े क्योंकि श्रीमती जी बड़ी देर से खड़ी थी जिस पर हमारा ध्यान ही नहीं पड़ा था।

कलम घिसाई

Language: Hindi
3 Likes · 1 Comment · 263 Views
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