Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Sep 2018 · 1 min read

चुट्टे और चींटियाँ

चुट्टे और चींटियाँ
: दिलीप कुमार पाठक

गया में एक जगह मैं एक जैनी महिला के पास शत्रु-शमन हेतु हनुमान चालीसा का १०८ पाठ करने जाता था प्रतिदिन। वहाँ जो प्रसाद चढ़ता था, उसपर चुट्टे-चींटियों की बारात सजती थी। चींटियाँ तो अपने काम में सहकारी भावना के साथ लगी रहती थीं। चुट्टे आपस में भीड़ जाते थे। भीड़ते भी थे इस कदर, जिसमें कमजोर पक्ष का अंत निश्चित होता। जब एक पक्ष पस्त पड़ने लगता तो चिट्टियों की फ़ौज आ धमकती। मानो शान्ति सेना बनकर आयी हो। सबसे पहले वो जीत रहे चुट्टे को फांसतीं। चुट्टा प्रतिपक्षी को पस्त करने में अपना होश खो बैठता और चींटियाँ उसके टाँग में लटक जातीं। लगता ऐसा मानो कमजोर पक्ष के प्रति संवेदित हो वह अपने मिशन में लगी हैं। चींटियाँ जरूर कुछ न्याय करेंगी। मगर यह क्या ? दोनों पक्ष पस्त पड़ जाते हैं और फिर शुरू होता है चींटियों का उत्सव। कुछ टाँग उखाड़ रहे हैं कुछ मुंडी उखाड़ने में लगे हैं। फिर चुट्टों को टुकड़े-टुकड़े कर ढोने में लग जाते हैं। इतने में मेरे हनुमान चालीसा का १०८ वाँ अध्याय संपन्न हो जाता है।
” पवन तनय संकट हरण, मंगल मूरति रूप। राम-लखन सीता सहित, ह्रदय बसहु सुर भूप।।
सियावर रामचन्द्र की जय ! पवनसुत हनुमान की जय !!

Language: Hindi
260 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
स्थितिप्रज्ञ चिंतन
स्थितिप्रज्ञ चिंतन
Shyam Sundar Subramanian
नीति प्रकाश : फारसी के प्रसिद्ध कवि शेख सादी द्वारा लिखित पुस्तक
नीति प्रकाश : फारसी के प्रसिद्ध कवि शेख सादी द्वारा लिखित पुस्तक "करीमा" का ब्रज भाषा में अनुवाद*
Ravi Prakash
"बचपन याद आ रहा"
Sandeep Kumar
ख्वाहिशों के बोझ मे, उम्मीदें भी हर-सम्त हलाल है;
ख्वाहिशों के बोझ मे, उम्मीदें भी हर-सम्त हलाल है;
manjula chauhan
यह कौन सा विधान हैं?
यह कौन सा विधान हैं?
Vishnu Prasad 'panchotiya'
हंसकर मुझे तू कर विदा
हंसकर मुझे तू कर विदा
gurudeenverma198
* सुन्दर फूल *
* सुन्दर फूल *
surenderpal vaidya
एक सलाह, नेक सलाह
एक सलाह, नेक सलाह
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
Parents-just an alarm
Parents-just an alarm
Sukoon
ये ज़िंदगी.....
ये ज़िंदगी.....
Mamta Rajput
* तुगलकी फरमान*
* तुगलकी फरमान*
Dushyant Kumar
"फ़िर से आज तुम्हारी याद आई"
Lohit Tamta
मुझे सोते हुए जगते हुए
मुझे सोते हुए जगते हुए
*Author प्रणय प्रभात*
शेर
शेर
Monika Verma
* यौवन पचास का, दिल पंद्रेह का *
* यौवन पचास का, दिल पंद्रेह का *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
काश कि ऐसा होता....
काश कि ऐसा होता....
Ajay Kumar Mallah
शिक्षा मनुष्य के विकास की परवाह करता है,
शिक्षा मनुष्य के विकास की परवाह करता है,
Buddha Prakash
नहीं खुलती हैं उसकी खिड़कियाँ अब
नहीं खुलती हैं उसकी खिड़कियाँ अब
Shweta Soni
स्त्री एक रूप अनेक हैँ
स्त्री एक रूप अनेक हैँ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जां से बढ़कर है आन भारत की
जां से बढ़कर है आन भारत की
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मुझको अपनी शरण में ले लो हे मनमोहन हे गिरधारी
मुझको अपनी शरण में ले लो हे मनमोहन हे गिरधारी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
LALSA
LALSA
Raju Gajbhiye
लघुकथा-
लघुकथा- "कैंसर" डॉ तबस्सुम जहां
Dr Tabassum Jahan
!! कोई आप सा !!
!! कोई आप सा !!
Chunnu Lal Gupta
आई आंधी ले गई, सबके यहां मचान।
आई आंधी ले गई, सबके यहां मचान।
Suryakant Dwivedi
जय श्री राम
जय श्री राम
Er.Navaneet R Shandily
दो पल की खुशी और दो पल का ही गम,
दो पल की खुशी और दो पल का ही गम,
Soniya Goswami
तब मानोगे
तब मानोगे
विजय कुमार नामदेव
दिल के अहसास बया होते है अगर
दिल के अहसास बया होते है अगर
Swami Ganganiya
मैं जानती हूँ तिरा दर खुला है मेरे लिए ।
मैं जानती हूँ तिरा दर खुला है मेरे लिए ।
Neelam Sharma
Loading...