Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Sep 2017 · 1 min read

चीटी के प्रति !

चीटी के प्रति !
ढो रही है तू कितना भार,
ला रही है अपना आहार,
अरे तू सहती कष्ट अपार,
यही है तेरे सुख का सार,
तेरा जीवन है बड़ा कठोर
नहीं है इसका कोई छोर,
देख कर तेरा ये तप घोर,
हो रहा हूँ मैं भाव विभोर !!

Language: Hindi
321 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from अनुराग दीक्षित
View all
You may also like:
माँ
माँ
नन्दलाल सुथार "राही"
2942.*पूर्णिका*
2942.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
देश में क्या हो रहा है?
देश में क्या हो रहा है?
Acharya Rama Nand Mandal
जिन्दा हो तो,
जिन्दा हो तो,
नेताम आर सी
नारी
नारी
Dr fauzia Naseem shad
हमेशा भरा रहे खुशियों से मन
हमेशा भरा रहे खुशियों से मन
कवि दीपक बवेजा
सच्चे रिश्ते वही होते है जहा  साथ खड़े रहने का
सच्चे रिश्ते वही होते है जहा साथ खड़े रहने का
पूर्वार्थ
"पूछो जरा"
Dr. Kishan tandon kranti
समंदर में नदी की तरह ये मिलने नहीं जाता
समंदर में नदी की तरह ये मिलने नहीं जाता
Johnny Ahmed 'क़ैस'
😊काम बिगाड़ू भीड़😊
😊काम बिगाड़ू भीड़😊
*Author प्रणय प्रभात*
आलसी व्यक्ति
आलसी व्यक्ति
Paras Nath Jha
मजदूर औ'र किसानों की बेबसी लिखेंगे।
मजदूर औ'र किसानों की बेबसी लिखेंगे।
सत्य कुमार प्रेमी
आप अपने मन को नियंत्रित करना सीख जाइए,
आप अपने मन को नियंत्रित करना सीख जाइए,
Mukul Koushik
साल ये अतीत के,,,,
साल ये अतीत के,,,,
Shweta Soni
माना के गुनाहगार बहुत हू
माना के गुनाहगार बहुत हू
shabina. Naaz
एक कवि की कविता ही पूजा, यहाँ अपने देव को पाया
एक कवि की कविता ही पूजा, यहाँ अपने देव को पाया
Dr.Pratibha Prakash
पैसा ना जाए साथ तेरे
पैसा ना जाए साथ तेरे
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
अनुभूति, चिन्तन तथा अभिव्यक्ति की त्रिवेणी ... “ हुई हैं चाँद से बातें हमारी “.
अनुभूति, चिन्तन तथा अभिव्यक्ति की त्रिवेणी ... “ हुई हैं चाँद से बातें हमारी “.
Dr Archana Gupta
ओ मां के जाये वीर मेरे...
ओ मां के जाये वीर मेरे...
Sunil Suman
"ഓണാശംസകളും ആശംസകളും"
DrLakshman Jha Parimal
💐प्रेम कौतुक-537💐
💐प्रेम कौतुक-537💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
हमारी मंजिल को एक अच्छा सा ख्वाब देंगे हम!
हमारी मंजिल को एक अच्छा सा ख्वाब देंगे हम!
Diwakar Mahto
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
हर वर्ष जला रहे हम रावण
हर वर्ष जला रहे हम रावण
Dr Manju Saini
दोहा पंचक. . . नारी
दोहा पंचक. . . नारी
sushil sarna
भगतसिंह का क़र्ज़
भगतसिंह का क़र्ज़
Shekhar Chandra Mitra
* धीरे धीरे *
* धीरे धीरे *
surenderpal vaidya
’शे’र’ : ब्रह्मणवाद पर / मुसाफ़िर बैठा
’शे’र’ : ब्रह्मणवाद पर / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
निज धर्म सदा चलते रहना
निज धर्म सदा चलते रहना
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
नन्ही मिष्ठी
नन्ही मिष्ठी
Manu Vashistha
Loading...