Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Oct 2020 · 1 min read

चिड़िया की सीख

12.10.2020
बाल काव्य

?चिड़िया की सीख?

नीड़ में बैठे चिड़िया के बच्चे
चीं- चीं कर माँ से माँगें खाना,
उड़ जाती चिड़िया पंख पसारे
चोंच में भर-भरकर लाती दाना!

चिड़िया चहक -चहक पेड़ों पर
बच्चों को सिखलाती जीना।
फुदक-फुदक कर शाखाओं पर
निरत उड़ने का अभ्यास करना।

जब तक पंखों में जान न आए
घोंसला छोड़कर दूर न जाना,
जब उड़ने की ताकत आ जाए
अदम्य साहस से नभ को छूना।

आत्मनिर्भर जब बन जाओगे
बच्चो ! माँ को भूल न जाना,
मेहनत करके जीवन बिताना
जाने-अनजाने न मुझे सताना!

???????
खेमकिरण सैनी
बेंगलूरु

267 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
💐प्रेम कौतुक-449💐
💐प्रेम कौतुक-449💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
2389.पूर्णिका
2389.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
कता
कता
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
लोकसभा बसंती चोला,
लोकसभा बसंती चोला,
SPK Sachin Lodhi
उफ़ ये बेटियाँ
उफ़ ये बेटियाँ
SHAMA PARVEEN
इमोशनल पोस्ट
इमोशनल पोस्ट
Dr. Pradeep Kumar Sharma
सिद्धार्थ बुद्ध की करुणा
सिद्धार्थ बुद्ध की करुणा
Buddha Prakash
फिक्र (एक सवाल)
फिक्र (एक सवाल)
umesh mehra
प्रदीप : श्री दिवाकर राही  का हिंदी साप्ताहिक (26-1-1955 से
प्रदीप : श्री दिवाकर राही का हिंदी साप्ताहिक (26-1-1955 से
Ravi Prakash
"ऐसा मंजर होगा"
पंकज कुमार कर्ण
ले चल मुझे उस पार
ले चल मुझे उस पार
Satish Srijan
रंगोत्सव की हार्दिक बधाई-
रंगोत्सव की हार्दिक बधाई-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
उठो पथिक थक कर हार ना मानो
उठो पथिक थक कर हार ना मानो
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
■ ताज़ा शेर ■
■ ताज़ा शेर ■
*Author प्रणय प्रभात*
फितरत
फितरत
Bodhisatva kastooriya
खेल भावनाओं से खेलो, जीवन भी है खेल रे
खेल भावनाओं से खेलो, जीवन भी है खेल रे
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
आदमी की गाथा
आदमी की गाथा
कृष्ण मलिक अम्बाला
You have climbed too hard to go back to the heights. Never g
You have climbed too hard to go back to the heights. Never g
Manisha Manjari
कभी-कभी हम निःशब्द हो जाते हैं
कभी-कभी हम निःशब्द हो जाते हैं
Harminder Kaur
देश-विक्रेता
देश-विक्रेता
Shekhar Chandra Mitra
*
*"ममता"* पार्ट-3
Radhakishan R. Mundhra
🌷 सावन तभी सुहावन लागे 🌷
🌷 सावन तभी सुहावन लागे 🌷
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
रमेशराज की चिड़िया विषयक मुक्तछंद कविताएँ
रमेशराज की चिड़िया विषयक मुक्तछंद कविताएँ
कवि रमेशराज
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
स्वप्न विवेचना -ज्योतिषीय शोध लेख
स्वप्न विवेचना -ज्योतिषीय शोध लेख
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
सूरज आया संदेशा लाया
सूरज आया संदेशा लाया
AMRESH KUMAR VERMA
जीवन दुखों से भरा है जीवन के सभी पक्षों में दुख के बीज सम्मि
जीवन दुखों से भरा है जीवन के सभी पक्षों में दुख के बीज सम्मि
Ms.Ankit Halke jha
खामोशियां आवाज़ करती हैं
खामोशियां आवाज़ करती हैं
Surinder blackpen
ठहरी–ठहरी मेरी सांसों को
ठहरी–ठहरी मेरी सांसों को
Anju ( Ojhal )
"अश्क भरे नयना"
Ekta chitrangini
Loading...